मनोहर पर्रिकर जी को साफ और बेदाग छवि वाले नेता के रूप में जाना जाता है। ज्यादातर हमारे देश की राजनीति के हर स्तर पर केवल भ्रष्टाचार ही देखने को मिलता है, और ऐसे में देश की जनता का विश्वास नेताओं पर से उठता जा रहा है। भारत के कई नेताओं की छवि जनता के बीच कुछ खास नहीं हैं। वहीं जनता लगभग हर नेता को भ्रष्ट नेता के रूप में देखती है, जो कि गलत है। क्योंकि अभी भी हमारे देश की राजनीति में कुछ गिने-चुने ऐसे राजनेता मौजूद हैं, जिनकी छवि एक दम साफ और बेदाग है। इन्हीं साफ छवि वाले नेताओं में से एक नेता श्री मनोहर पर्रिकर जी भी हैं। जिन्हें उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी ईमानदारी के लिए जाना जाता है। एक छोटे से राज्य से अपना राजनीति का सफर शुरू करने वाले पर्रिकर जी ने अपनी मेहनत के दम पर आज अपना एक नाम बनाया है और हमारे देश की राजनीती में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
श्री मनोहर पर्रीकर जी का जीवन परिचय (Manohar parrikar biography)
नाम : मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रीकर
जन्म : 13 दिसम्बर 1955
मृत्यु : 17 मार्च 2019
जन्म स्थान : मापुसा ,गोवा ,भारत
उम्र: 63 वर्ष
पिता का नाम : गोपाल कृष्ण पर्रीकर
माता का नाम : राधा बाई पर्रीकर
पत्नी : मेधा पर्रीकर
धर्म : हिन्दू
भाषा : हिंदी, इंग्लिश, कोंकणी, मराठी
पुत्र : अभिजीत पर्रीकर और उत्पल पर्रीकर
शिक्षा : स्नातक आईआईटी ग्रेजुएट, मुंबई 1978
करियर : राजनीतिज्ञ, गोवा के मुख्यमंत्री, देश के रक्षा मंत्री (2014 से लेकर 2017 तक)
पार्टी : भारतीय जनता पार्टी
पसंदीदा खेल : क्रिकेट
रूचि : जेनेटिक्स
मनोहर जी का व्यक्तित्व
श्री मनोहर पर्रीकर जी अपनी सादगी के लिए मशहूर थे। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर(स्कूटी) पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते थे तो वे साधारण वेशभूषा में ही पहुंचते थे। पर्रीकर जी के एक करीबी के अनुसार - एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि "तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं" इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और उनका स्वागत किया। ऐसे थे मनोहर जी सादगी पसंद। गोवा के मुख्यमंत्री होने के बाद भी पर्रिकर ने अपने रहन-सहन में थोड़ा सा भी बदलाव नहीं किया। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपने घर को नहीं छोड़ा और सरकार द्वारा दिए गए घर में नहीं गए।
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मनोहर पर्रिकर जी का जन्म और शिक्षा (Manohar Parrikar’s Education And Birth)
मनोहर पर्रिकर जी का नाता भारत के गोवा राज्य से है, और इनका जन्म इस राज्य के मापुसा ग्राम में साल 1955 में हुआ था। स्थानीय लोयोला हाई स्कूल से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की थी। उसके बाद की अपनी 12 वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान/IIT में दाखिला लिया था, यहीं से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी।
मनोहर पर्रिकर जी का परिवार (Manohar Parrikar’s Family)
पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी का नाम मेधा पर्रिकर था और पर्रिकर और मेधा की शादी साल 1981 में हुई थी। पर्रिकर के कुल दो बच्चे हैं, जिनमें से पहले बच्चे का नाम उत्पल पर्रिकर है, जबकी दूसरे लड़के का नाम अभिजीत पर्रिकर है। वहीं पर्रिकर के दोनों बच्चों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उत्पल बतौर एक इंजीनियर के रूप में अमेरिका में कार्य कर रहे हैं, जबकि अभिजीत का खुद का एक व्यापार है। वहीं मनोहर पर्रिकर का एक भाई भी है जिसका नाम अवधूत पर्रिकर है। मनोहर पर्रिकर जी उनकी पत्नी कैंसर से ग्रस्त थी। पर्रिकर के मुख्यमंत्री बनने के ठीक एक साल बाद उनकी पत्नी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। पत्नी के जाने के बाद पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ अपने बच्चों की जिम्मेदारी भी बहुत अच्छे तरीके से निभाई।
मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक सफर (Manohar Parrikar’s Political Career)
मनोहर पर्रिकर जी बहुत ही मेहनती और सरल सवभाव के इंसान थे। मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक कैरियर साल 1994 में तब शुरू हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए। मनोहर पर्रिकर जी अपने स्कूलों के दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ/RSS में शामिल हो गए थे। मनोहर जी ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ RSS की युवा शाखा के लिए भी काम करना शुरू कर दिया था। स्कूल से पास होने के बाद उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बार फिर उन्होंने आरएसएस को अपनी सेवा देना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्हें BJP/बीजेपी(भारतीय जनता पार्टी) पार्टी का सदस्य बनने का मौका मिला और उन्होंने BJP/बीजेपी पार्टी की तरफ से पहली बार चुनाव भी लड़ा। बीजेपी ने पर्रिकर को साल 1994 में गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। पर्रिकर को इस चुनाव में जीत मिली थी। उस वक़्त पर्रिकर जी ने गोवा की विधानसभा में विपक्ष नेता की भूमिका भी निभाई थी।
उसके बाद वह 24 अक्टूबर साल 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त हुए और 27 फरवरी 2002 तक मुख्यमंत्री के कार्य बखूबी संभाला, किन्तु किन्हीं कारणों से उनका ये कार्यकाल ज्यादा समय तक नहीं चल पाया और 27 फरवरी 2002 को उन्हें अपनी ये कुर्सी छोड़नी पड़ी। वहीं 5 जून 2002 को फिर से उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। इसके बाद भी मनोहर जी कई बार गोवा के मुख्यमंत्री पद पर रहे। उनके अंतिम काल तक वो मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे। मनोहर पर्रीकर जी आज हमारे बिच नहीं हैं वो 17 मार्च 2019 को दुनिया को अलविदा कह गए हैं। वो कई बार गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे है। उन्होंने अंतिम बार अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ 14 मार्च 2017 को ली थी। साथ ही वे बिजनेस सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। साल 2014 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया। वे पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आई आई टी से स्नातक किया हुआ था।
साल 2017 में एक बार पुनः गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए और इन चुनावों में फिर से बीजेपी की जीत हुई। गोवा के विधायकों ने अपने राज्य के लिए मनोहर पर्रिकर जी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसके चलते पर्रिकर जी को अपना रक्षा मंत्री पद छोड़ना पड़ा और वो गोवा के मुख्यमंत्री पद को संभालने गोवा वापस आ गए।
सोशल मीडिया पर सक्रियता
मनोहर पर्रिकर जी भारत के पहले ऐसे आईआईटी/IIT ग्रेजुएट थे, जो किसी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। मनोहर पर्रिकर से पहले हमारे देश का ऐसा कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बना था, जिसके पास आईआईटी की डिग्री हो। इतना ही नहीं पर्रिकर जी सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते थे, जिसके कारण वो लोगों से जुड़े रहते थे।
मनोहर पर्रिकर जी को मिले सम्मान और पुरस्कार (awards and achievements)
मनोहर पर्रिकर जी को उनके कॉलेज यानी आईआईटी-मुंबई/IIT Mumbai द्वारा सम्मानित किया जा चुका हैं। उन्हें उनके कॉलेज द्वारा ये सम्मान साल 2001 में दिया गया था। इतना ही नहीं साफ और बेदाग छवि वाले इस नेता को CNN-IBN/सीएनएन-आईबीएन ने भी राजनीति श्रेणी में पुरस्कार दिया था। पर्रिकर को ये सम्मान साल 2012 में दिया गया था।
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