कंप्यूटर की-बोर्ड/Key-Board/Keyboard किसी भी कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण होता है। इस उपकरण के माध्यम से हम कंप्यूटर के अंदर डाटा और सूचनाएं डाल सकते हैं, इसके कुंजी या बटन को की/Key भी कहा जाता है। इसके द्वारा कोई भी सुचना Input की फ़ोरम में डालते हैं। इस उपकरण में टाइपराइटर/Typewriter की तरह बहुत से कुंजियाँ/Buttons होती है, इन सभी कुंजियो/Buttons पर विभिन्न प्रकार के चिन्ह/Symbol और अक्षर/Character छपे होते हैं। इन्ही कुंजियों/Buttons को दबाकर कंप्यूटर के अंदर शब्द, संख्याएँ और चिन्ह टाइप किये जाते है। इन सभी कुंजियो के उपर छपे चिन्हों/Symbols से पहचाना जाता है की कोई कुंजी/Button किस कार्य के लिए है।
कंप्यूटर की-बोर्ड क्या है और कैसे काम करता है? पूरी जानकारी।
कंप्यूटर कीबोर्ड/Keyboard का डिजाईन टाइपराइटर/Typewriter के डिजाईन को ध्यान में रख कर ही बनाया गया है। Keyboard काम करने के लिए स्विच/Switch और सर्किट/Circuit का इस्तेमाल करते हैं, ताकि ये आपके द्वारा दबाये गये किसी भी बटन के सिग्नल/Signal को कंप्यूटर की भाषा(Binary Codes) में बदल सके। कीबोर्ड के ऊपर बहुत सारे बटन होते हैं, जिन्हे "Keys" कहा जाता है। इन सभी keys को भी 5 सेक्शन में बांटा जाता है।
- अल्फाबेट बटन/Alphabet keys जैसे की – Q,W,E,R,T,Y इत्यादि।
- फंक्शन बटन/Function keys जैसे की – F1, F2, F5, F12 इत्यादि।
- नंबर बटन/Number keys जैसे की – 0, 1, 2, 5, 9, इत्यादि।
- एरो बटन/Arrow keys जैसे की – Cursor को ऊपर, नीचे, दाए और बाए ले जाने वाले बटन।
- कमांड बटन/Command keys जैसे की – Insert, Delete, End, Ctrl, Alt, Tab इत्यादि।
कीबोर्ड कंप्यूटर का सबसे अहम् इनपुट/Input डिवाइस है। कंप्यूटर में ज्यादातर क्वर्टी/QWERTY कीबोर्ड चलता है। इसका ये नाम कीबोर्ड की अल्फाबेट/Alphabet keys या बटन की सबसे ऊपर वाली लाइन के पहले 6 अक्षरों से आया है।कंप्यूटर के अंदर किसी भी प्रकार की लेखन सम्बन्धी कार्य हेतु कीबोर्ड की सहायता से कोई भी डॉक्यूमेंट टाइप कर सकते हैं। कीबोर्ड में आपकी मदद के लिए कुछ शॉर्टकट/Shortcut बटन/Keys भी होते है। आप कीबोर्ड की मदद से गेम भी खेल सकते हैं। इनके आलावा भी बहुत से ऐसे काम है जो आप कीबोर्ड की मदद से आसानी से कर सकते हैं। कीबोर्ड में हर बटन एक-दुसरे बटन से समान दुरी पर एक व्यवस्थित तरीके से लगा होता है। ज्यादातर सामान्य कीबोर्ड में 80 से 110 बटन तक होते है, वहीँ मल्टीमीडिया कीबोर्ड में कुछ और बटन/Keys जोड़ दी गई हैं।
कीबोर्ड कैसे काम करता है? How Keyboard works?
किसी भी कीबोर्ड/Keyboard के पास अपना खुद का प्रोसेसर/Processor और सर्किट/Circuit होता है, यही सर्किट Key Matrix बनाते है। इन्ही की मदद से कीबोर्ड आपके द्वारा दबाये गए बटन की सारी जानकारी को कीबोर्ड प्रोसेसर तक पहुंचाते है। Key Matrix का Circuit जालीदार होता है। Keyboard के हर बटन के नीचे एक अधूरा सर्किट होता है, जब भी आप किसी भी बटन को दबाते हैं तो उसके नीचे लगा स्विच/Switch उस सर्किट को पूरा करता है, जीके कारण से कीबोर्ड में हल्का सी विधुत का बहाव होता है। जब आप किसी बटन/Key को दबाते हैं तो उस से Keyboard के सर्किट में Vibration पैदा होती है, इस वाइब्रेशन या झनझनाहट को बाउंस कहा जाता है। बटन दबाने की इस प्रक्रिया में जब कीबोर्ड प्रोसेसर को एक पूर्ण सर्किट मिल जाता है, तो ये ROM/Read Only Memory में एक करैक्टर चार्ट बनाता है। यही Character Chart प्रोसेसर को बताता है कि कौन सा बटन दबाया गया है, और वही अक्षर आपको स्क्रीन पर नज़र आता है।
कीबोर्ड/Keyboard के प्रकार :-
सिज़ेर/Scissor Switch Keyboard :- इन Keyboard का इस्तेमाल सबसे अधिक लैपटॉप में होता है। इन Keyboard के बटन प्लास्टिक के बने होते है। जब आप इन्हें दबाते हो तो कीबोर्ड ड्राइव आपके द्वारा दबाये गये बटन की सारी जानकारी को कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम तक पहुंचाता है।
एर्गोनोमिक/Ergonomic Keyboard:- ये Keyboard साधारण Keyboard से थोड़ा लग दिखाई देते हैं। इस Keyboard में आपको Keys के दो सेट मिलते हैं जिनके बिच में थोड़ी जगह होती है। इस Keyboard में आपको दो Space Button मिलते हैं, जो आपके दोनों अंगूठों के ठीक निचे होते हैं। इस तरह के कंप्यूटर Keyboard का प्रयोग वही लोग ज्यादा करते हैं जिनका काम ज्यादा टाइपिंग से सम्बंधित होता है।
फ्लैट पैनल मेम्ब्रेन/Flat Panel Membrane Keyboard :- इस प्रकार के कीबोर्ड का इस्तेमाल ज्यादातर प्रिंट और फोटोकॉपी/Photostat करने के लिए किया जाता है। इन Keyboard मे प्लास्टिक की 2 परत होती है। दोनों परत एक दुसरे के बिलकुल सामानांतर होती है। ऊपर वाली परत पर कुछ चिह्न अंकित होते है, जैसे की अल्फाबेट/Alphabet, नंबर/Number इत्यादि और इसकी निचली परत पर कुछ विधुत से चलने वाली एक पट्टी होती है। जब आप किसी भी बटन को दबाते है, तो इसकी ऊपर वाली परत के नीचे वाली परत से जाकर टकराने पर सिग्नल पैदा होते हैं, जीनके कारण ये Keyboard काम करता है।
डायरेक्ट स्विच/Direct Switch Keyboard :- आप तरह के Keyboard का प्रयोग अपने मोबाइल की स्क्रीन पर करते ही हैं। इस प्रकार के कीबोर्ड में Mattel के कुछ Conductor लगे हुए होते हैं। ये कंडक्टर प्लास्टिक की परत से ढके हुए होते हैं। इसकी प्लास्टिक की परत के ऊपर अक्षर/Character और चिन्ह/Symbol अंकित किये जाते हैं। इन कंडेक्टर के निचे लगी हुई प्लेट पर सोने की परत चढ़ी हुई होती है। क्यूंकि ये विधुत को अच्छी तरह से कंडक्ट करती है। जैसे ही आप कोई भी बटन दबाते हैं वो एक सर्किट को पूरा करता है और वही अक्षर या निशान आप स्क्रीन पर देख पाते हैं।
आर्क/Arc Keyboard :- इस प्रकार के Keyboard देखने में काफी सुन्दर होते हैं। Keyboard में बाकि सभी बटन होते हैं, लेकिन इनमें Arrow बटन नहीं होते। इसमें एक ही बटन से चारों Arrows का काम होता है।
कॉम्पैक्ट/Compact Keyboard :- ये Keyboard पतले और छोटे होते है, साथ ही इनमे अलग से नंबर बटन/Numeric Keypad नही होते है। इस प्रकार के Keyboard का ज्यादातर इस्तेमाल लैपटॉप के एक्सटर्नल कीबोर्ड के रूप में किया जाता है। इन Keyboard में एक बटन/Key को एक से ज्यादा काम करने के लिए बनाया जाता है।
इन्टरनेट/Internet Keyboard :- इन्टरनेट Keyboard भी कुछ-कुछ Multimedia Keyboard के जैसे ही होते हैं। इन Keyboard में इंटरनेट के लिए कुछ खास बटन/keys दिए होते है, जैसे होम/Home , Google Search/गूगल सर्च, YouTube/यू ट्यूब, Bookmark/बुकमार्क आदि बटन होते हैं। इन बटन की मदद से आप इन्टरनेट को आसानी से और सीधे ही चला पाते हैं।
गेमिंग/Gaming Keyboard :- जैसा की इसके नाम को देखकर ही आपको लगता होगा की इसे Game के फीचर को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है। इस Keyboard में Game से सम्बंधित आवश्यक बटन और कण्ट्रोल दिए हुए होते हैं जैसे की Inbuilt Joystick, Volume Control,Button Lighting आदि।
कीबोर्ड/Keyboard को कंप्यूटर से कैसे जोड़े?
सबसे पहले कंप्यूटर के शुरुआती दौर में कंप्यूटर से Keyboard को जोड़ने के लिए PS2 केबल का प्रयोग किया जाता था, उसके बाद इस जोड़ने के लिए PS2 के साथ USB का प्रयोग किया जाने लगा। आजकल Keyboard को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए USB, PS2 केबल और Wireless जिसे की Bluetooth या Infrared सिग्नल की मदद से कनेक्ट किया जाता है। चाहे आपका Keyboard Bluetooth या Infrared सिग्नल से काम करें, उन्हें जुड़ने के लिए एक रिसीवर की जरुरत होती है। ये रिसीवर या तो कीबॉर्ड में मौजूद होते हैं या इन्हे USB पोर्ट के सहारे जोड़ा जाता है। USB पोर्ट से ही Keyboard और कंप्यूटर के बिच संचार स्थापित होता है। Wireless कीबोर्ड बैटरी द्वारा चलते हैं। तो आप उपरोक्त तीन तरीकों से कीबोर्ड को अपने कंप्यूटर से जोड़ सकते हैं।
वायरलेस/Wireless Keyboard कैसे काम करता है?
वायरलेस कीबोर्ड को USB Infrared या Bluetooth के माध्यम से कनेक्ट करने के बाद जैसे ही Keyboard से आप कोई भी बटन दबाते तो उसमे से कुछ सिग्नल निकलते हैं जिनको कंप्यूटर का कीबोर्ड Controller पकड़ता है। कंप्यूटर के भीतर लगी IC/Integrated Circuit कीबोर्ड के द्वारा भेजे गए डाटा या सिग्नल को प्रोसेसर के पास भेजता है जो उसे प्रोसेस कर सही परिणाम दिखाता है।
ADB/Apple Desktop Bus Keyboard :- इस प्रकार के Keyboard को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए आपके कंप्यूटर में एक खास तरह के पोर्ट/Port का होना बहुत ही आवश्यक होता है, ये Keyboard ज्यादातर एप्पल/Apple के लैपटॉप और कंप्यूटर के साथ लगा हुआ आता है।
- Army ऑफिसर कैसे बने।
- MBBS डॉक्टर कैसे बने।
- SEO कैसे करें।
- कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस कितने प्रकार की होती हैं?
- इंटरनेट का अविष्कार
- कंप्यूटर सामान्य ज्ञान
- CPU क्या होता है ?
- बेसिक कंप्यूटर कोर्स
- GPS क्या होता है?
- सॉफ्टवेयर क्या और कितने प्रकार के होते है?
- कंप्यूटर में करियर कैसे बनाएं !
- वेब डिजाइनिंग क्या है?
- IAS ऑफिसर कैसे बने।
- IPS ऑफिसर कैसे बने।
- फास्टैग क्या है?
- Air-Force Pilot कैसे बने।
- CA कैसे बने।
- Architect कैसे बने।
- वेबसाइट कैसे बनाते है?
- Air-Hostess कैसे बने।
- Software इंजीनियर कैसे बने।
- Web-Developer कैसे बने।
- MBA क्या है, कैसे करें।
- Animator कैसे बने।
- Online पैसा कैसे कमाएं।
- SDM ऑफिसर कैसे बने।
- वास्तु अनुसार भवन निर्माण
No comments:
Post a Comment