DPC क्या होती है? What is DPC? - LS Home Tech

Monday, September 17, 2018

DPC क्या होती है? What is DPC?

दोस्तों नमस्कार
                        आज के इस लेख में हम बात करेंगे की डीपीसी/DPC क्या होती है? और इसकी घर बनाते वक्त क्या जरूरत है यानी दीवारों के ऊपर डीपीसी लगाने की हमें क्या जरूरत पड़ती है किस कारण या किस चीज़ की रोकथाम के लिए हम डीपीसी लगाते हैं। साधारण दीवार के ऊपर भी आप इसको लगा सकते हैं।

डीपीसी क्या होती है?
दोस्तों आइए पहले जान लेते हैं कि डीपीसी का मतलब क्या होता है डीपीसी का मतलब होता है "Dump Proofing Course" यानी नीवं ओर ऊपरी दीवार के बीच  का जुड़ाव कहे  या व्यवधान कह सकते हैं जो कि आप के घर की सीलन या नमि को दीवारों में ऊपर चढ़ने से रोकता है और आपकी जो दीवारें हैं सदैव अच्छी बनी रहती है। सीलन नहीं होगी तो आप जो प्लास्टर करते हैं पेंट करते हैं वह कभी नहीं झडेगा या उखड़ेगा,वह बिल्कुल सही रहता है हमेशा हमेशा लंबे समय तक टिकाऊ बना रहता है। 

डीपीसी की जरूरत क्या है हमें! DPC
प्यारे मित्रों जो डीपीसी होती है वह दो प्रकार की आप यूज़ कर सकते हैं दोनों डीपीसी के प्रकार में आपको बताऊंगा कि कौन-कौन से प्रकार होते हैं देखिए सबसे पहले जब भी हम हमारे घर की नींव का निर्माण करते हैं उनके ऊपर दो प्रकार की डीपीसी लगा सकते हैं । 

एक प्रकार को देशी भाषा में लेंटर बोला जाता है जिसको, वह भी आप लगा सकते हैं।
उसके बारे में बताऊंगा बाद में पहले हम बात करेंगे आज की तो दोस्तों डीपीसी जो एक नॉर्मल साइज में आप रखते हैं 2 से 3 इंच कि आप दीवारों के ऊपर जब भी आप नीवं का निर्माण कर लेते हैं सके उपर सीमेंट, बजरी ओर क्रेशर का मिश्रण 2 से 3 इंच तक मोटा आप दीवारों पर डाल सकते हैं जिसके अंदर सरिया भी आप चाहें तो डाल सकते हैं जो की आमतौर पर इसमें नहीं डाला जाता। आप इसको दीवारों की चौड़ाई के ऊपर डालते हैं इसको न तो दीवार से बाहर निकालें और न ही दीवारों पर कोई जगह खाली छोड़ें ओर ऊपर की तरफ 2 से 3 इंच तक इसका मिश्रण डालें।


दूसरा जिसको हम डीपीसी बीम(प्लिंथ बीम या आर सी सी बीम/CC Beam भी कहा जाता है) बोलते हैं जो बहुत मजबूत होता है, ये आपकी दीवार ओ ओर ज्यादा मजबूती के साथ साथ नमी या सीलन से भी बचाव करता है, इस डीपीसी बीम के अंदर भी इन्हीं चीजों का मिश्रण होता है और जैसे सीमेंट, क्रेशर ओर बजरी ये तीनो तो होती होती ही है साथ की साथ में इसमे सरिया भी प्रयोग किया जाता है इसमे आपको 4 सरीये दीवार की लंबाई के हिसाब से लेने होते है फिर उन चारों सरीयों को पतले सरिये से बनी कड़ियों के माध्यम से है कोने पर तारों से बांध कर एक ग्रिड बनाई जाती है, उसके बाद उन सरियों को दीवार के ऊपर रखा जाता है सरीये का साइज दीवार की मजबूती ओर उसके ऊपर आने वाले वजन के हिसाब से मौत या पतला सरीया लगाया जा सकता है। आप तौर पर साधारण दीवार में 10 या 12 मिलीमीटर का सरिया प्रयोग किया जाता है बाकी आपके ऊपर डिपेंड है कि कितने mm का सरिया यूज करते हैं, दीवारों पर सरीये से बना ग्रिड या खोखला जाल डालने के बाद दीवारों पर दोनों तरफ लकड़ी या ईंटों से अस्थाई रोक लगाई जाती है जिनसे दीवार पर डाला जाने वाला सीमेंट का मिश्रण  या मसाला दीवारों से नीचे नही बिखरता इसमे आपको 6 से 9 इंच तक मसाला डालना होता है जिसमें सीमेंट और बजरी होती है, आप चाहें तो इसे 1 फ़ीट तक ऊंचा भी दाल सकते हैं।

दीवार के ऊपर अब इसका फायदा क्या होगा। DPC
इसका पहला फायदा तो यह होगा जो मैं पहले पहले भी बता चुका हूं कि ये सीलन ओर नमी को ऊपर जाने से रोकेगा दूसरा यह फायदा करता है कि आपका घर अगर में कई मंजिल है तो दीवारों के अंदर दरार आने से भी बचाएगा, और जितना भी वजन यह एक साधरण DPC सहन कर सकती है ये उससे कहीं ज्यादा वजन सहन कर सकती है, ऊंची ऊंची इमारतों में इस बीम डीपीसी का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि वह ज्यादा वजन को अपने ऊपर लेता है और दीवारों को सुरक्षित रखता है उनके अंदर किसी भी प्रकार का क्रेक नहीं आने देता ।
यह दो प्रकार की डीपीसी होती है जो आज हमने इस लेख में आपको बताया है और आशा करता हूं आप समझ गए होंगे और आपको जरूर पता चल गया होगा कि क्या और कितनी जरूरत की चीजें हैं।
जब भी आप एक नए घर का निर्माण करते हैं, और अब बात करते है एक आम या सामान्य से र के बारे में जो कि एक घर का निर्माण करते वक़्त ईंट ओर सीमेंट के मिश्रण से एक लंबा सरिया डालकर जो डीपीसी तैयार करते हैं जिसको आम भाषा मे हम बोलते हैं लेंटर, ये जो लेंटर होता है ये डीपीसी की तरह नमी को या सीलन को नही रोक पाता।

लेंटर जो दो प्रकार के होते दोस्तों एक तो छत के ऊपर लगाया जाता है उसके बारे में मैं यहां पर कोई विवरण नहीं दूंगा और जो दूसरा है वो नींवं के ऊपर डीपीसी की तरह या ये कहें कि एक प्रकार की सस्ती डीपीसी हम नीवं के ऊपर डाल सकते हैं। क्योंकि वह भी डीपीसी का ही काम करता है उसके अंदर क्या मटेरियल क्या-क्या चीजें लगी होती है उसके बारे में मैं थोड़ा सा आप को बता देता हूं जब भी आप मान लीजिए अपने घर का निर्माण करवाते है आप दीवार के ऊपर दोनों तरफ ईंटों को  4 इंच की ऊंची तक खड़ा कर देते है सीमेंट के सात चिनाई कर देते है और दीवार पर दोनों तरफ लगी खड़ी ईंटों के बीच मे जो जगह बच जाती है उसके अंदर भी कंक्रीट का मिक्सर डाला जाता है और साथ में इसके अंदर खाली जगह में एक दीवार की लंबाई तक सरिया भी डाला जाता है, ये दीवार को मजबूत तो करती है लेकिन जो काम डीपीसी कॉन्क्रीट कर सकती है ये कभी नही कर सकती। डीपीसी का यह मुकाबला नहीं कर सकती क्योंकि देखिए वह सीलन को फुल रोकती है कंप्लीटली सीलन को ब्लॉक कर देती है। में तो आपसे यही रिक्वेस्ट करूंगा की जब भी  घर का निर्माण करें तो आप अपने घर की नींवं के ऊपर डीपीसी जो कंक्रीट की होती है वही डालें अगर आपका बजट कम है तो दो या तीन इंच डालें अगर आप का बजट ज्यादा है तो आप 6 या 9 इंच की डीपीसी डालें।

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22 comments:

  1. सर हमारी नीम 4 फ़ीट ऊंची ह तो क्या हम डीपीसी डाले या नहीं

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