नया फोन खरीदना है, तो ये कुछ बातें ध्यान रखें। If you want to buy a new phone, then keep these few things in mind. - LS Home Tech

Thursday, December 13, 2018

नया फोन खरीदना है, तो ये कुछ बातें ध्यान रखें। If you want to buy a new phone, then keep these few things in mind.

दोस्तों अगर आप भी नया फोन खरीदना चाहते हैं बातों का विशेष ध्यान रखें। 

इस बात को कोई दो राय नहीं है कि हमें फोन की लत पड़ चुकी है और वो भी स्मार्टफोन की । हकीकत में ये हमारी जरूरत बन गए हैं या ये भी बोल सकते है की हमारी मज़बूरी बन गई है । फोन कॉल और मैसेज तो बेहद ही आम जरूरतें हैं, आजकल बात संगीत, वीडियो और कैमरे को लेकर होती है। जो लोग तकनीक के जानकर हैं वो समझदारी के साथ अपने फोन की रैम, प्रोसेसर और स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन जैसी तकनीकी चीजों का भी विशेष ध्यान रखते हैं।
अगर आपको लगता है कि पहले फोन खरीदना आसान काम था तो आप भ्रम में हैं, यह पहले भी मुश्किल था और आज की तारीख में और भी। इसकी मुख्य वजहें हैं- टेक्नोलॉजी और ढेरों विकल्प आज हमारे सामने मौजूद हैं, इसलिए हमे बहुत समझदारी से चुनाव करने की जरुरत पड़ती है। वास्तव में आपके स्मार्टफोन का काम क्या है? नाम से ही साफ है, फोन जो स्मार्ट वर्क करे। आम फीचर्स तो ठीक हैं, अब वेब ब्राउजिंग, जीपीएस नेविगेशन और एक्टिविटी ट्रैकिंग जैसे कई हाईटेक फीचर्स सिर्फ एक ही डिवाइस में होने की उम्मीद की जाती है। साथ ही आजकल हमे ये भी देखने पद रहा है की ये स्मार्टफोन 4G नेटवर्क सिस्टम को सपोर्ट करने वाला भी होना चाहिए।
New mobile purchase




आपको कैसा स्मार्टफोन चाहिए !   

आपको फोन खरीदने से पहले एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, आपकी जैसी जरूरत हो वैसा ही फोन आपको लेना चाहिए। आप वही फोन खरीदें जो आपके प्रयोजन के हिसाब से हो। दिखावे के चक्कर में बिल्कुल ना फंसें। और अपने दोस्तों को नकल करने से तो बिल्कुल ही बचें। क्योंकि आपका फोन बेहद ही पर्सनल होता है। इसका इस्तेमाल आपको करना है। इसके अलावा आप इस बात का भी ध्यान रखें की ये एक तरह का आपका निवेश भी है, यानी की एक गलत फैसला और समझो आपका पैसा डूबा। कैमरा, प्रोसेसर, रैम, बैटरी और ब्रांड जैसे मानकों को ध्यान में रखकर आप अपने नए फोन का चुनाव करें।

सबसे अहम आती है आपके बजट की, आप कितना पैसा एक नए स्मार्टफोन के लिए खर्चना चाहते हैं।


आपका बजट क्या है ?

देखिये खीर में जितनी शक्कर डालोगे उतनी ही मीठी होगी, कहने माँ मतलब ये है की आप जितना पैसा खर्च करोगे आप उतना ही अच्छा स्मार्टफोन भी खरीद पाओगे। आपको एक उचित फेंसला लेना है कि आपका बजट क्या है? हमारे अनुसार आपके खर्चने की कोई तय सीमा नहीं है की आपको इसी प्राइस में खरीदना होगा।
आम इस्तेमाल करने लायक सस्ते स्मार्टफोन आजकल  6 हज़ार से 12 हज़ार रुपये की प्राइस रेंज में आ ही जाते हैं। 9 हज़ार से 14 हज़ार रुपये के बीच कई बहुत बढ़िया फीचर्स से युक्त एक अच्छा स्मार्टफोन भी आपका हो सकता है। लगभग 14 हज़ार से 28 हज़ार  रुपये को मिड रेंज सेगमेंट माना जाता हैं। हालांकि, इस रेंज में प्रोडक्ट्स के फीचर्स में काफी अंतर देखने को मिलता है जो अलग-अलग ब्रांड पर अलग-अलग हो सकता है ता है।
इसके अलावा अगर आपका बजट बहुत ज्यादा अच्छा फोन कखरीदने का है तो आप  30 हज़ार रुपये से ऊपर आपको टॉप स्मार्टफोन मिल जाते हैं जिनमें फ्लैगशिप-लेवल के मोबाइल भी शामिल होते हैं। अगर आप अत्याधुनिक तकनीक ये लैस अच्छी कंपनी का टॉप मॉडल खरीदना चाहते हैं तो आपका बजट लगभग 50 से 70 हज़ार के बिच में होना चाहिए या इस से ज्यादा भी आप खर्च कर सकते हैं, ये आपको जरूर विचार कर लेना चाहिए।


आपको कोनसा ब्रांड चाहिए 

स्मार्टफोन खरीदने से पहले ब्रांड का चुनाव करना एक अहम कदम है, क्योंकि इस पर कई बातें निर्भर करती हैं। नामी ब्रांड्स के साथ सॉफ्टवेयर अपडेट और कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज का भरोसा रहता है। शायद यही वजह है कि ज्यादातर यूज़र्स बड़े ब्रांड के साथ जाना पसंद करते हैं। सबसे पहले तो इन ब्रांड के प्रोडक्ट्स मार्केट में आसानी से उपलब्ध होते हैं। E-Commerce वेबसाइट हो या फिर Retailमार्केट, आप दोनों ही जगहों से अपनी सुविधानुसार खरीददारी कर सकते हैं। आज की तारीख में मार्केट में कई कंपनियां हैं। Samsung, Sony , Apple, Huwai, Micromax, Mi, Gionee  जैसे ब्रांड्स के नाम तो आपने पहले भी सुने होंगे और आजकल बहुत सी नई कंपनियां भी अपने मोबाइल पेश कर  रही हैं । लेकिन कई विदेशी कंपनियों के आ जाने के बाद कस्टमर्स के लिए विकल्प और भी ज्यादा हो गए हैं। ऐसे में सबसे अहम बात यह हो जाती है कि आप जिस ब्रांड का फोन ले रहे हैं, क्या आपके शहर में उसका कस्टमर केयर सेंटर भी है या नहीं। आज पुरे विश्व में दो ही कंपनियों का नाम सबसे ज्यादा बिक रहा है सैमसंग और एप्पल। चाइना जैसे देश को अगर छोड़ दे तो।


ऑपरेटिंग सिस्टम कोनसा होना चाहिए 

विश्व में कुछ ही देशों को छोड़कर सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है एंड्राइड जो गूगल द्वारा विकसित किया गया है, उसके बाद नाम आता है ऐप्पल का आईओएस, माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल और ब्लैकबेरी ओएस 10, आपके के लिए विकल्प कई हैं।
हर ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खासियतें हैं तो कुछ कमियां भीं होती हैं । भारत में एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म सबसे ज्यादा सुपरहिट है और इसका मार्केट शेयर भी सबसे अधिक है। और ओपन-सोर्स नेचर होने के कारण कई मोबाइल ब्रांड इसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर फोन बना रहे हैं, बेशक वो एप्पल को छोड़कर कोई भी ब्रांड हो।

IOS और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के लिए सबसे ज्यादा थर्ड-पार्टी ऐप्स उपलब्ध हैं। पर आईओएस बेस्ड आईफोन की कीमत ज्यादा होने के कारण यह हर किसी की जेब के लिए  फिट नहीं बैठता। वहीं, एंड्रॉयड बेस्ड स्मार्टफोन हर प्राइस सेगमेंट में मिल जाते हैं। आपका मन इन दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम से भर गया है तो आप माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज मोबाइल इस्तेमाल कर सकते हैं। परफॉर्मेंस के मामले में इस प्रोडक्ट की मार्केट रिपोर्ट भी पॉजिटिव रही है। हालांकि, विंडोज मोबाइल पर आईओएस या एंड्रॉयड की तुलना में थर्ड-पार्टी ऐप्स कम हैं। इन सबके अलावा फोन खरीदने से पहले यह जरूर जांच लें कि आपको मिलने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्ज़न क्या है। जैसे कि ऐप्पल ने आईफोन 4S और उसके बाद के वर्ज़न के लिए लेटेस्ट IOS9 रिलीज कर दिया है। थोड़े -थोड़े समय के अंतराल पर सभी कंपनियां अपने स्मार्टफोन में लेटेस्ट वर्शन की अपडेट देती रहती है। एंड्राइड भी समय-समय पर अपने वर्शन को हर बार एक नई तकनीक के साथ उसमे कुछ नया जोड़ रहा है, फ़िलहाल गूगल का एंड्राइड वर्शन Oreo 8.0 और 8.1 चल रहा है।


प्रोसेसर और रैम कैसे चाहिए !

आजकल हम बहुत एडवांस हो गए हैं।  मौजूदा समय में  किसी भी स्मार्टफोन की स्पीड और उसमें मल्टी-टास्किंग का लेवल प्रोसेसर और रैम पर ही निर्भर करता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि हर ऑपरेटिंग सिस्टम की हार्डवेयर जरूरतें अलग होती हैं। जैसे कि विंडोज फोन के लेटेस्ट वर्ज़न में एंड्रॉयड के लेटेस्ट वर्ज़न से कम प्रोसेसर स्पीड और रैम की जरूरत पड़ती है। फॉर भी कंपनियां अपने आपको पर्तिस्पर्धा में बनाये रखने के लिए अच्छे से अच्छा प्रोसेसर अपने सिस्टम में लगा रही है। एंड्रॉयड वर्ल्ड में प्रोसेसर की परफॉर्मेंस या उसकी काम करने की स्पीड का अनुमान आमतौर पर कोर से लगाया जाता है। एंड्रॉयड फोन के प्रोसेसर में जितने ज्यादा कोर होंगे परफॉर्मेंस उतनी बेहतर होगी है। ज्यादा कोर होंगे तो उनकी मदद से मल्टीटास्किंग यानि एक ही वक़्त में दो या दो से अधिक काम करना और भी आसान हो जाता है, साथ में एक अच्छी रैम का होना भी बेहद जरूरी है।
कोर की ज़रूरत को इस तरह से समझिए कि आप एक वक्त पर अपने मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं, गाना सुन रहे हैं और बैकग्राउंड में डाउनलोड भी चल रहा है। सिंगल कोर प्रोसेसर के लिए इतने सारे काम को एक साथ निपटाना बेहद ही मुश्किल है। ऐसे में काम आता है मल्टी कोर। इस तरह से देखा जाए तो डुअल कोर हमेशा सिंगल कोर से बेहतर होगा, ऐसा हम एंड्रॉयड के लिए तो कह ही सकते हैं। हम सिर्फ कोर के आधार पर यह बिल्कुल तय नहीं कर सकते कि फोन की परफॉर्मेंस कैसी होगी। देखिये हर ऑपरेटिंग सिस्टम में कोर का अपना मापदंड होता है जैसे -एप्पल के  लेटेस्ट आईफोन 6एस और 6एस प्लस हैंडसेट डुअल कोर प्रोसेसर के साथ आते हैं और परफॉर्मेंस के मामले में ये किसी हाई-एंड एंड्रॉयड डिवाइस से कम नहीं। आज मार्केट में तरह-तरह के प्रोसेसर उपलब्ध हैं। स्नैपड्रैगन, एनवीडिया, क्वालकॉम, इंटेल और मीडियाटेक, आदि प्रमुख हैं। हर प्रोसेसर के अपने फायदें हैं तो कुछ नुकसान भी। मीडियाटेक और क्वालकॉम के प्रोसेसर ठीक काम करते हैं। वैसे, कुछ डिवाइस इंटेल और एनवीडिया के प्रोसेसर के साथ भी आ रहे हैं। आप इनमें से किसी को भी चुन सकते हैं।

किसी और कंम्प्यूटिंग डिवाइस की तरह स्मार्टफोन को प्रोग्राम एग्जीक्यूट करने के लिए Random Access Memory  (RAM ) की जरूरत होती है। फोन की परफॉर्मेंस बहुत हद तक रैम पर निर्भर करती है। आज की तारीख में स्मार्टफोन में जिस तरह के फीचर्स आ रहे हैं, उसके लिए कम से कम 1 GB की  रैम होना बेहद जरूरी है। आजकल मार्किट में ऐसे  स्मार्टफोन आपको मिल जायेंगे जो आपको 6GB तक की RAM भी दे रहे हैं।

स्क्रीन साइज या  रेज़लुशन  कैसा हो 


देखिये किसी स्मार्टफोन के स्क्रीन साइज को डायगनली मापा जाता है। आज ज्यादातर स्मार्टफोन 4 से 6.5 इंच की स्क्रीन साइज़ के होते हैं। 4-5 इंच स्क्रीन वाले स्मार्टफोन को बेहतर माना जाता है, इसे हाथों में रखना भी बेहद ही सुलभ होता है। हालांकि, यह आप पर निर्भर करेगा कि आप कैसा स्क्रीन चाहते हैं। अगर आप छोटे स्क्रीन के शौक़ीन हैं तो 4-5 इंच का डिस्प्ले आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन है। डिस्प्लै का से आपको अपनी जरूरत के हिसाब से चूज़ करना चाहिए, कुछ लोगों को ज्यादा बड़े डिस्प्ले पसंद आते हैं, उनके लिए भी मार्केट में बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं।

इसके अलावा स्मार्टफोन स्क्रीन में रिज़ॉल्यूशन भी एक अहम फैक्टर होता है। रिज़ॉल्यूशन को सीधे शब्दों में समझा जाए तो आपके स्मार्टफोन के स्क्रीन पर दिखने वाले इमेज की गुणवत्ता इससे से निर्धारित होती है। स्क्रीन की साइज को लेकर कई यूज़र कंन्फ्यूज हो सकते हैं, क्यूंकि जो आम स्मार्टफोन यूजर होते हैं उनको इस बारे में ज्यादा पता नहीं होता, पर रिज़ॉल्यूशन के मामले में स्थिति स्पष्ट है। जितना ज्यादा रिज़ॉल्यूशन, उतना बेहतर डिस्प्ले।
चलिए आपको समझाते हैं अगर आप 4.5-5 इंच डिस्प्ले वाला डिवाइस ले रहे हैं तो इसका रिज़ॉल्यूशन कम से कम 720 पिक्सल होना ही चाहिए। 5 इंच से ज्यादा बड़े डिस्प्ले वाले हैंडसेट की ज़रूरत फुल-एचडी रिज़ॉल्यूशन (1020 पिक्सल) की होती है,  इस बात का भी ध्यान रहे कि रिज़ॉल्यूशन का सीधा असर बैटरी लाइफ पर भी पड़ता है। ज्यादा रिज़ॉल्यूशन वाले स्क्रीन में बैटरी की खपत ज्यादा होती है। तो बेहतर होगा की आप जब भी स्मार्टफोन खरीदें ऐसी बातो को ध्यान में रखें।


कैमरा कैसा हो !

आजकल मोबाइल या स्मार्टफोन में एक अच्छा कैमरा होना बेहद आवश्यक है। अगर स्मार्टफोन खरीदने के पीछे अच्छा कैमरा भी मकसद है तो रिज़ॉल्यूशन, रियर कैमरा, फ्रंट कैमरा, एलईडी फ्लैश, ऑटोफोकस और वीडियो रिकॉर्डिंग के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें। 5 मेगापिक्सल का रियर कैमरा तो आज की तारीख में बेसिक फ़ीचर माना जाता है, इससे नीचे के कैमरे तो फोटोग्राफी के लिए बिल्कुल ही बेकार होते हैं। आजकल लगभग  स्मार्टफोन एक अच्छे सेल्फी कैमरे के साथ आ रहे हैं  अगर आपको सेल्फी लेना का शौक है या वीडियो चैटिंग भी करते हैं तो फ्रंट कैमरे के बारे में भी रिसर्च कर लें। अच्छी सेल्फी के लिए आपको कम से कम 5 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे की जरूरत पड़ेगी, कुछ स्मार्टफोन ऐसे भी हैं जिनमे 2 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा लगा होता है।इस बात को हम बता देना चाहेंगे की  सिर्फ मेगापिक्सल देखकर स्मार्टफोन के कैमरे की परफॉर्मेंस को आंकने की गलती कभी ना करें। कई बार ऐसा होता है कि 21या 24 मेगापिक्सल का कैमरा 13 मेगापिक्सल के सेंसर की तुलना में कमज़ोर तस्वीरें ले। बहुत से स्मार्टफोन में आपको इस प्रकार के कैमरे मिल जायेंगे। कम रौशनी में फोटोग्राफी के लिए एलईडी फ्लैश बेहद जरूरी हैं और फोन में डुअल एलईडी फ्लैश हो तो सोने पर सुहागा। अगर कैमरे के साथ आपको HDR फंक्शन भी मिल जाये तो आप चेंजिंग अच्छा फोटो ले पाएंगे अगर आप फटाफट फोटो खींचना चाहते हैं तो आपके कैमरे में बर्स्ट मोड होना भी जरूरी हो जाता है। ये ऑप्शन आपको कुछ सेकेंड में लगातार कई फोटो खींचने में मदद करता है। आपने देखा होगा की कई बार ऑब्जेक्ट मूवमेंट के कारण फोटो ब्लर हो जाता है या कभी कभी इंसान की फोटो लेते वक़्त उसमे red Eye की प्रॉब्लम न हो।  साथ ही आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए को आपका कैमरा अच्छी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करता हो।

बैटरी कैसी हो ! 

आजकल जो लोगो नौकरी पेशा को वजह से बाहर ज्यादा रहते है तो उन सभी देखते हुए आपको स्मार्टफोन में  एक अच्छी बैटरी का चुनाव करना चाहिये। किसी भी स्मार्टफोन यूज़र के लिए बैटरी लाइफ सबसे अहम प्रॉपर्टी है। इन दिनों फोन रीमूवेबल और नॉन-रीमूवेबल बैटरी के साथ आते हैं। जिन स्मार्टफोन में नॉन-रीमूवेबल बैटरी का इस्तेमाल होता है वो ज्यादा स्लिम होते हैं। नॉन-रीमूवेबल बैटरी के साथ कुछ और भी फायदे हैं, बैक कवर ज्यादा सिक्योर होते हैं और फोन में पानी के घुसने और डैमेज होने की संभावना भी कम हो जाती है। पर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये पूरी तरह से वाटरप्रूफ हो जाते हैं। कुछ यूज़र रीमूवेबल बैटरी को फायदेमंद मानते हैं, क्योंकि वे एक्स्ट्रा बैटरी साथ रखना पसंद करते हैं। पहली बैटरी खत्म हो जाने पर। उसे बदलकर दूसरी का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन अब जब मार्केट में पावरबैंक उपलब्ध हैं तो अलग से बैटरी लेकर चलने का कोई  मतलब नहीं रह जाता है। आजकल तो आपको बस ट्रेन में भी चार्जिंग पोर्ट उपलब्ध होते  हैं, फिर भी कहीं न कहीं हमे स्मार्टफोन में अच्छी बैटरी की आवश्यकता होती है.
तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी पसंद आयी होगी। अगर इससे सम्बंधित आप कोई सलाह या सुझाव हमें देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप हमारे दूसरे आर्टिकल के लिए हमें सब्सक्राइब भी कर सकते हैं। आप हमें कमेंट करके बता भी सकते हैं कि आपको किसी विषय पर हमारी वेबसाइट पर जानकरी चाहिए, हम जल्द से जल्द वो जानकारी हमारी वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध करने की कोशिश। हमरी इस जानकारी को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद 

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