आज के इस लेख से हम शुरुआत करने जा रहे है शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test)में पूछे जाने वाले बेहद ही महत्वपूर्ण प्रश्न जो कि आपके बहुत काम आ सकते है बेशक आप किसी भी स्तर (level 1, level 2, level 3) की परीक्षा दे रहे हो या किसी भी राज्य से सम्बंधित (HTET, CTET, RTET, UPTET, PTET etc) शिक्षक पात्रता परीक्षा दे रहे हो।
यहां पर हम "बाल विकास और शिक्षण शास्त्र" (Child Development & Pedagogy)से संबंधित वो प्रश्न डालेंगे जो आगामी परीक्षाओं में आने की बहुत संभावना है।
- बाल-कल्याण
- मनोविश्लेषण
- मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान
- शिक्षा-दर्शन
- निरीक्षण विधि
- प्रश्नावली विधि
- प्रयोगात्मक विधि
- उपरोक्त सभी
- बालक के जन्म से लेकर बाल्यावस्था तक का
- बालक के जन्म से पूर्व गर्भावस्था से लेकर किशोरावस्था तक का
- बालक के जन्म से लेकर प्रौढ़ावस्था तक का
- बालक के जन्म से लेकर युवावस्था तक का
- माध्यमिक शिक्षक के लिए
- विश्वविद्यालय के शिक्षक के लिए
- प्राथमिक शिक्षक के लिए
- उपरोक्त सभी के लिए
- व्यक्तिक इतिहास की विधि
- निरिक्षण विधि
- प्रश्नावली विधि
- साक्षात्कार विधि
- माता-पिता की आर्थिक प्रगति में सहायक
- बालक की आर्थिक प्रगति में सहायक
- शिक्षक की आर्थिक प्रगति में सहायक
- बालक के व्यक्तित्व विकास में सहायक
- पारिवारिक
- सामाजिक
- शारीरिक
- ये सभी
- उपचारात्मक विधि
- समाजमिति विधि
- साक्षात्कार विधि
- प्रयोगात्मक विधि
- परिवार
- समाज
- विद्यालय
- उपरोक्त सभी
- सामाजिक विज्ञान
- प्राकृतिक विज्ञान
- बाल मनोविज्ञान
- भूगोल
- बाल-मनोविज्ञान
- शिक्षा-दर्शन
- स्वास्थ्य विज्ञान
- सामाजिक विज्ञान
- विद्यालय का वातावरण बालक के अनुकूल किया जाना चाहिए
- बालक को विद्यालय में रोककर रखना चाहिए
- बालक के माता-पिता को विद्यालय आने से रोका जाना चाहिए
- उपरोक्त सभी
- अपने नाम में
- अपने वस्त्र में
- अपने विद्यालय में
- इन सभी में
- अर्द्धविकसित अवस्था
- शैशवावस्था
- पूर्ण विकसित अवस्था
- इनमे से कोई नहीं
- थार्नडाइक
- जे. बी. वाटसन
- विलियम वुंट
- स्टर्न एंड जॉनसन
- चेतना का विज्ञान
- मन का विज्ञान
- आत्मा का विज्ञान
- व्यवहार का विज्ञान
- सभी बालकों की उन्नति में
- प्रतिभावान बालकों के लिए
- पिछड़े बालकों के सुधार में
- उपरोक्त सभी के लिए
- अनुशासन स्थापना में
- मूल्यांकन प्रक्रिया में
- शिक्षण विधियों में
- इन सभी में
- गाँधी
- डॉ. राधाकृष्ण
- स्किनर
- प्लेटो
- जॉन डीवी
- सिगमन फ्रॉयड
- ई० बी० टिचनर
- जेम्स एंजिल
- पाठ्यक्रम में सुधार में
- शिक्षण-विधियों के प्रयोग में
- शिक्षण-विधियों की खोज में
- उपरोक्त सभी में
- अभिवृतियों का
- रुचियों का
- अभिक्षमताओं का
- इन सभी का
- विद्यार्थियों की कमजोरी का ज्ञान प्राप्त करने में
- विधार्थियों को समझने में
- विद्यार्थियों को उत्तप्रेरित करने में
- उपरोक्त सभी में
- डी वी
- विलियम वुंट
- कोहलर
- स्किनर
- अत्यधिक
- सामान्य
- बहुत कम
- ये सभी
प्र० 26. अंतर्दर्शन की अधिकता पाई जाती है -
- बच्चों में
- युवकों में
- वृद्धों में
- इन सभी में
- अरस्तू
- पोम्पोनाजी
- विलियम जेम्स
- वुडवर्थ
- शिक्षा की
- मनोविज्ञान की
- संख्या शास्त्र की
- मानव शास्त्र
- मन का विज्ञान
- आत्मा का विज्ञान
- व्यवहार का विज्ञान
- चेतना का विज्ञान
- पालन-पोषण
- सामने लाना
- नेतृत्व देना
- ये सभी
- बहिर्दर्शन
- व्यक्ति अध्ययन
- प्रयोगात्मक
- ये सभी
प्र० 32. शिक्षा वास्तविक उद्देश्य है -
- जीविका
- अधिकार
- ज्ञान
- विकास
प्र० 33. शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख कार्य है -
- बालक की शिक्षा में रूचि जागृत करना
- बालक को अभीप्रेरणा देना
- बालक के व्यवहार में सकारात्मक परिमार्जन करना
- उपरोक्त सभी
प्र० 34. शिक्षण मनोविज्ञान पर आधारित है -
- किंडरगार्टन पद्धति
- मोंटेसरी पद्धति
- खेल पद्धति
- ये सभी
प्र० 35. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति है -
- विज्ञान
- कला
- विज्ञान व कला दोनों
- इनमे से कोई नहीं
प्र० 36. किस मनोवैज्ञानिक के अनुसार सभी बालक जन्म से समान होते हैं ?
- क्रो और क्रो
- टाइडमैन
- वाटसन
- एंजिले
प्र० 37. शिक्षक शिक्षा मनोविज्ञान से नहीं जान सकता -
- आत्मा के विषय में
- बालक के विषय में
- स्वयं के विषय में
- अनुशासनहीनता के विषय में
प्र० 38. मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञानं नहीं मानते -
- प्लेटो
- देकार्ते
- अरस्तू
- वाटसन
प्र० 39. शिक्षा मनोविज्ञान की आत्मनिष्ठ विधि है -
- निरीक्षण विधि
- मनोविश्लेषण विधि
- गाथा वर्णन विधि
- परीक्षण विधि
प्र० 40. शिक्षक के लिए मनोविज्ञान की उपयोगिता है -
- बालकों चरित्र निर्माण
- अनुशासन में सहायता
- बाल-व्यवहार का ज्ञान
- उपरोक्त सभी
- 25
- 14
- 11
- 23
प्र० 42. किंडरगार्टन पद्धति के प्रतिपादक हैं -
- फ्रोबेल
- किंडरगार्टन
- डाल्टन
- रास
प्र० 43. किस नियम के अनुसार प्रतिभाशाली माता-पिता की संतान निम्न कोटि की होती है ?
- प्रत्यागमन का नियम
- विभिन्नता का नियम
- मेण्डल का नियम
- इनमे से कोई नहीं
प्र० 44. बालक के लिए खेल का महत्व है -
- शारीरिक विकास
- मानसिक विकास
- सामाजिक विकास
- ये सभी
प्र० 45. स्थाईभाव होते हैं
- जन्मजात
- अर्जित
- मानसिक प्रक्रिया
- इनमे से कोई नहीं
प्र० 46. कृत्रिम जिन का निर्माण करने वाले भरतीय वैज्ञानिक हैं -
- चंदरशेखर
- डा० हरगोविंद खुराना
- मेण्डल
- डार्विन
प्र० 47. 'संवेग ' का शाब्दिक अर्थ है-
- उत्तेजित दशा
- तीव्र गति
- क्रोधावस्था
- भावना
प्र० 48. खेल के पूर्व अभिनय के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था -
- मालब्रेन्स
- ग्रुस
- शिलर
- हरिमन
प्र० 49. किस पद्धति में खेल गीतों द्वारा शिक्षा दी जाती है ?
- किंडरगार्टन
- मोंटेसरी
- ह्यूरिस्टिक
- प्रोजेक्ट पद्धति
प्र० 50. खेल का सामान्य अर्थ है -
- चित्त की उमंग
- व्यायाम
- उत्तेजित करना
- स्फूर्ति
प्र० 51. विकास की प्रक्रिया चलती है ?
- प्रौढ़ावस्था तक
- किशोरावस्था तक
- जीवन-पर्यन्त
- अनिश्चित कल तक
प्र० 52. बाल्यावस्था होती है -
- 5 से 12 वर्ष तक
- 8 से 15 वर्ष तक
- 3 से 8 वर्ष तक
- 12 से 18 वर्ष तक
प्र० 53. किशोरियों में होने वाले शारीरिक परिवर्तन हैं -
- मासिक स्राव का प्रारम्भ
- उरोजों का उभार
- बगलों में पसीना आना
- ये सभी
प्र० 54. विकास दिशा सिद्धांत के अनुसार विकास होता है -
- सिर से पैर की दिशा
- पैर से सिर की दिशा
- सम्पूर्ण शरीर में समान रूप से
- अनिश्चित है
प्र० 55. किशोरावस्था को जीवन का सबसे कठिन काल मानते हैं -
- स्टेनले हॉल
- इ० ए० किर्क पेट्रिक
- जरशील्ड
- स्ट्रेंग
प्र० 56. शैवावस्था की मुख्य विशेस्ता नहीं है -
- आत्म-प्रेम
- काम-प्रवृति
- नैतिकता
- जिज्ञासा
प्र० 57. बालक के विकास की सही अवस्थाओं का क्रम है -
- बाल्यावस्था, शैशवावस्था, किशोरावस्था, प्रौढ़ावस्था
- शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, प्रौढ़ावस्था
- बाल्यावस्था, किशोरावस्था, शैशवावस्था, प्रौढ़ावस्था
- शैशवावस्था, किशोरावस्था, बाल्यावस्था, प्रौढ़ावस्था
प्र० 58. "प्रतिद्वन्दात्मक समाजीकरण" की अवस्था कहा जाता है -
- शैशवावस्था को
- बाल्यावस्था को
- किशोरावस्था को
- प्रौढ़ावस्था को
प्र० 59. प्राथमिक स्तर की शिक्षा देने वाली हिनी चाहिए इनमे से -
- सैद्धांतिक तथ्यों पर जोर देने वाली
- छात्र सक्रियता पर आधारित
- भाषणों पर जोर देने वाली
- पाठ्य पुस्तक पर आधारित
प्र० 60. सफल एवं प्रभावी शिक्षण के लिए आवश्यक है -
- व्यक्तिगत विभिन्नताओं का ज्ञान
- अपने वेतन का ज्ञान
- सहकर्मी की योग्यताओं का ज्ञान
- उपरोक्त सभी का
- समन्वय को
- आर्थिक पक्ष को
- शैक्षिक पक्ष को
- इन सभी को
- विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण
- स्वतंत्रता की भावना
- घनिष्ठ मित्रता
- ईश्वर में पूर्ण विश्वास
प्र० 63. कक्षा 7 के छात्रों को अभिप्रेरणा प्रदान केने के लिए उत्तम उपाय है -
- नवाचारों का प्रयोग
- अच्छा भाषण देना
- अभिभावकों से शिकायत करना
- उपरोक्त सभी
प्र० 64. "अवधान, विचार की किसी वस्तु को मस्तिष्क के सामने स्पष्ट रूप से उपस्थित करने की प्रक्रिया है " यह कथन है -
- डमवील
- रॉस
- वेलेंटिन
- स्किनर
प्र० 65. अधिगम "प्रयास एवं भूल का सिद्धांत " किसने प्रतिपादित किया -
- थार्नडाइक
- पावलॉव
- क्रीक पेट्रिक
- हल
प्र० 66. गेस्टालत्वादियों ने अधिगम का कोनसा सिद्धांत दिया -
- साहचर्य का सिद्धांत
- अन्तदृष्टि का सिद्धांत
- क्षेत्र सिद्धांत
- प्रयास एवं भूल का सिद्धांत
प्र० 67. अवधान को केंद्रित करने की आंतरिक दशा नहीं है -
- रूचि
- प्रकृति
- ज्ञान
- लक्ष्य
प्र० 68. "सीखना विकास की प्रक्रिया है " यह कथन किसका है ?
- वुडवर्थ का
- स्किनर का
- क्रो एंड क्रो का
- क्रानबेक का
प्र० 69. थार्नडाइक का मुख्य नियम नहीं है -
- अभ्यास का नियम
- तत्त्परता का नियम
- संतोष का नियम
- आत्मीकरण का नियम
प्र० 70. अवधान होता है -
- ज्ञानात्मक
- क्रियात्मक
- भावनात्मक
- उक्त सभी
प्र० 71. सीखने की उपयुक्त प्रक्रिया है -
- सरल से कठिन
- कठिन से सरल
- सरल
- कठिन
प्र० 72. मंद-बबुद्धि बालकों के लिए उपयोगी सिद्धांत है -
- थार्नडाइक का सिद्धांत
- प्रबलन सिद्धांत
- अंतदृष्टि सिद्धांत
- क्रिया-प्रसूत सिद्धांत
प्र० 73. "प्रेरणा" शब्द मनोविज्ञानिक अर्थ है -
- उत्तेजना
- आंतरिक उत्तेजना
- सजीव प्रयास
- प्रतिक्रिया
प्र० 74. छात्र को अभिप्रेरित करने के लिए अपनाएंगे -
- पुरुष्कार एवं दंड
- नवाचार
- पर्तिस्पर्धात्मक शिक्षण
- उपरोक्त सभी
प्र० 75. अभिप्रेरणा उद्दीप्त करती है -
- आदतों को
- चरित्र को
- क्रियाशीलता को
- उक्त सभी को
प्र० 76. सीखने की प्रभावी विधि है -
- स्वयं करके
- निरीक्षण करके
- परीक्षण द्वारा
- उक्त सभी
प्र० 77. प्रबलन-सिद्धांत प्रतिपादन किया था -
- स्किनर ने
- थार्नडाइक ने
- पावलॉव ने
- सी० एल० हाल ने
प्र० 78. "बुद्धि ज्ञान अर्जन करने की क्षमता है " यह कथन किसका है?
- वुडवर्थ
- टर्मन
- वुडरो विलसन
- रॉस
प्र० 79. बुद्धि परीक्षण की उपयोगिता है -
- समस्याग्रस्त बालकों के सुधार में
- सर्वोत्तम बालक के चुनाव में
- भावी सफलता के ज्ञान में
- उपरोक्त सभी
प्र० 80. भूलभुलैया टेस्ट है -
- व्यक्तिक भाषात्मक परीक्षण
- व्यक्तिक क्रियात्मक परीक्षण
- सामूहिक क्रियात्मक परीक्षण
- सामूहिक क्रियात्मक परीक्षण
- वस्तुनिष्ठ
- मौखिक
- निबंधात्मक
- इनमे से कोई नहीं
प्र० 82. बालक की कमजोरी के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है -
- प्रमापीकृत परीक्षण
- उपचारात्मक परीक्षण
- निबंधात्मक परीक्षण
- निदानात्मक परीक्षण
प्र० 83. निम्न में क्रियात्मक परीक्षण नहीं है -
- आर्मी बीटा परीक्षण
- शिकागो परीक्षण
- वेस्लर-वैल्युब परीक्षण
- आर्मी अल्फ़ा परीक्षण
प्र० 84. मानसिक आयु का प्रत्यय दिया था -
- बीने साइमन ने
- स्टर्न ने
- टर्मन ने
- सिरिल बर्ट ने
प्र० 85. बीने साइमन की बुद्धि परीक्षण विधि कितने वर्ष के बच्चों के लिए थी ?
- 5 से 15 वर्ष
- 3 से 15 वर्ष
- 2 से 14 वर्ष
- 4 से 14 वर्ष
प्र० 86. शिक्षक के मानसिक स्वास्थ्य में बाधा पहुँचाने वाला कारक है-
- न्यूनतम वेतन
- अत्यधिक कार्यभार
- निरंकश प्रशासन
- उपरोक्त सभी
प्र० 87. बालक के मानसिक स्वास्थ्य उन्नति करने वाला कारक है -
- अपूर्ण परिवाद
- निर्धनता
- अल्प गृह कार्य
- समान पाठ्यक्रम
प्र० 88. मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति रहता है -
- कल्पनालोक में
- अति शंवदेनशीलताओं की दशा में
- वास्तविकताओं में
- समाज के बाहर
प्र० 89. मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का विषय क्षेत्र है -
- मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के उपायों का अध्ययन
- मानसिक रोगों को दूर करने के उपायों का अध्ययन
- मानसिक रोगों की रोकथाम के उपायों का अध्ययन
- उपरोक्त सभी
प्र० 90. अंधे बालक पढ़ सकते हैं -
- ब्रेल लिपि
- सामान्य लिपि
- हिंदी की सामान्य लिपि
- उपरोक्त सभी
प्र० 91. दुःखपूर्ण तनाव से बचने के लिए -
- प्रत्यक्ष उपायों का प्रयोग करना चाहिए
- अप्रत्यक्ष उपायों का प्रयोग करना चाहिए
- क्षतिपूरक विधियों का प्रयोग करना चाहिए
- उपरोक्त सभी
प्र० 92. प्रतिभाशाली बालकों की पहचान की जा सकती है-
- बुद्धि परीक्षण द्वारा
- अभिरुचि परीक्षण द्वारा
- उपलब्धि परीक्षण द्वारा
- उपरोक्त सभी
प्र० 93. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए व्यक्ति आत्म-सुरक्षा अभियन्त्रिकीयां अपनाता है। आत्म-सुरक्षा अभियन्त्रिकीयां है -
- प्रक्षेपण
- पलायन
- अविकसित
- ये सभी
प्र० 94. केंद्रित केंद्रित अनुदेशन विधि है -
- कंप्यूटर सहाय अनुदेशन विधि
- व्यक्तिनिष्ठ अनुदेशन विधि
- विधार्थी केंद्रित अनुदेशन विधि
- उपरोक्त सभी
प्र० 95. मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति की विशेषता है -
- सहनशीलता
- सामंजस्य
- निर्णय क्षमता
- ये सभी
प्र० 96. व्यक्ति की पहचान करने में सहायक है -
- व्यक्ति की शिक्षा
- व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य
- बाहरी विभिन्ताएं
- ये अभी
प्र० 97 . व्यक्तिगत विभिन्ताओं का कारण है -
- भौतिक वातावरण
- सामाजिक वातावरण
- वंशानुक्रम
- उपरोक्त सभी
प्र० 98. शैशव अवस्था में बालक के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं पड़ता -
- राजनैतिक गतिविधियों का
- विछिन्न परिवार का
- गृह-क्लेश का
- संवेगात्मक अस्थिरता का
प्र० 100. समायोजन या सामंजस्य का लक्षण नहीं है
- अनुकूल वातावरण
- असंतुलन
- सन्तुष्टि
- सामाजिकता
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