Longest rail road bridge in India असम राज्य के बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई लगभग 10 किलोमीटर के करीब है, रेलवे पुल बनाने के लिए यहां आधुनिक तकनीक लगाकर पहले नदी की चौड़ाई को कम किया गया और फिर इस पर लगभग 5 किलोमीटर लंबा रेल व रोड ब्रिज बनाया गया है। यह भारत का सबसे लंबा रेल व रोड ब्रिज है। इस पूल को नए भारत का इंजीनियरिंग का अद्भुत करिश्मा माना जा रहा है।
तकनीकी रूप से हमारा देश आज बहुत तरक्की कर रहा है। असम राज्य के ऊपरी ब्रह्मपुत्र नदी क्षेत्र पर बना बोगीबील ब्रिज भारतीय सेना के लिए तो काफी महत्वपूर्ण है ही साथ ही आम जनजीवन को भी रफ़्तार देने का काम करेगा, जो असम की अर्थववस्था को अब नई ताकत देगा। खासकर अरुणाचल सीमा से सटे होने के कारण सामरिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण है। इस पुल के शुरू होने से भारतीय सेना को जवानों के ट्रांसपोर्ट में बड़ी मदद मिलेगी। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य और चीन करीब 4000 किलोमीटर लंबा बॉर्डर साझा करते हैं।इसका करीब 75 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में है। भारतीय रेल के इस पुल की आधारशिला साल 2002 में उस वक़्त प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने रखी थी। साल 2007 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किया गया। पिछले 4-5 साल से इसके निर्माण में कुछ ज्यादा ही तेजी आई। इसके चलते असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर की तरफ जाना आसान हो जाएगा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश सबसे महत्वपूर्ण है। अरुणाचल प्रदेश और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के चुनौतीपूर्ण भूगोल को देखते हुए बोगीबील ब्रिज इस इलाके में रेल लाइन के विकास की नई शुरुआत है।
इस ब्रिज को बनाने में इंजीनियरों को कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। सबसे पहले तो उन्हें यहां मार्च से लेकर अक्टूबर तक होने वाली बारिश के बाद ही काम करने का समय मिला है। इसके अलावा नदी के पानी के भारी दबाव में होने के नाते किसी भी तरफ से मिट्टी का कटाव शुरू हो जाता है और कहीं भी टापू बन जाता है ऐसे में काम करना या फिर लोकेशन बदलना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन इन सबसे निबटकर पहली बार रेलवे ने स्टील गर्डर का इस्तेमाल कर इतना बड़ा पुल बनाया है। हालांकि बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी की चौड़ाई 10.3 किलोमीटर है लेकिन रेलवे पुल बनाने के लिए यहां तकनीक लगाकर पहले नदी की चौड़ाई कम की गई और फिर इसपर करीब 5 किलोमीटर लंबा रेल/रोड ब्रिज बनाया गया है। यह भारत का सबसे लंबा रेल/ रोड ब्रिज है.सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फिलहाल यहां से 450 किलीमेटर दूर गुवाहाटी में ही ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए नदी पर पुल मौजूद है। जबकि सड़क पुल भी यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर है। ऐसे भी आम लोगों की सुविधा के अलावा फौजी जरूरतों के लिहाज से यह पुल सेना को बड़ी ताकत देगा।
इस पूल को बहुत सी खूबियों से युक्त बनाया गया है। इस पुल में कहीं भी रिवीट नहीं लगाया गया बल्कि हर जगह लोहे को वेल्ड किया गया है, जिससे इसका वजन 20% तक कम हो गया गई और इससे लागत में भी कमी आयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2018 को इस पुल का उद्घाटन किया। चीफ इंजीनियर मोहिंदर सिंह के अनुसार "ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.9 किलोमीटर लंबा पुल देश का पहला पूर्णरूप से आपसे में जुड़ा हुआ पुल है।" उन्होंने बताया कि पूरी तरह से जुड़े पुल का रखरखाव काफी सस्ता होता है। इस पुल के निर्माण में 5,900 करोड़ रुपए की लागत आयी है, इंजीनियरों के अनुसार इसकी मियाद 120 साल है। इससे असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच की यात्रा दूरी घट कर चार घंटे रह जाएगी, जो पहले बहुत ज्यादा थी। इसके अलावा दिल्ली से डिब्रूगढ़ रेल यात्रा का समय तीन घंटे घट कर 34 घंटे रह गया है। इससे पहले यह दूरी 37 घंटे में तय होती थी।
Bogibeel Bridge की कुछ खास बातें !
- बोगीबील पुल भूकंप प्रभावित क्षेत्र में है, इस पुल को भूकंपरोधी बनाया गया है जो 7 तीव्रता से ज्यादा के भूकंप में भी धराशायी नहीं होगा।
- ब्रह्मपुत्र नदी पर डबल-डेकर रेल और रोड ब्रिज (बोगीबील पुल) की सहायता से असम और अरुणाचल राज्यों के बीच लोग आसानी से आ-जा सकेंगे।
- उत्तर पूर्वी सीमा पर तैनात सेना को भी आसानी से रसद आदि पहुंचाई जा सकेगी, यानि रक्षा मोर्चे पर भी यह पुल अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
- भारतीय रेलवे ने इस बेहद चुनौतीपूर्ण काम को सफलता के साथ दिया है अंजाम, इसके नीचे के डेक पर दो रेल लाइन हैं और ऊपर के डेक पर 3 लेन की सड़क है।
- बताया जा रहा है कि रेल-सड़क पुल बोगीबील की मियाद कम से कम 120 वर्ष है।
- बोगीबील ब्रिज से पहली गाड़ी तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस गुजरी।
- इस परियोजना में देरी के कारण बोगीबील पुल की लागत 85 फीसद बढ़ गई।
- इससे असम के धीमाजी, लखीमपुर के अलावा अरुणाचल के लोगों को भी फायदा होगा।
- बोगीबील पुल चीन के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है, और सेना को इस पुल से जरूरत पड़ने पर खासी मदद मिलेगी।
Longest rail road bridge in India बोगीबील ब्रिज अरुणाचल प्रदेश में चीन की चुनौतियों और सेना की जरूरतों को देखते हुए काफी अहम हो गया है। बोगीबील ब्रिज को इतना मजबूत बनाया गया है कि इस पर भारी टैंक और सैनिक साजो सामान आसानी से ले जाया जा सके। बोगीबील ब्रिज को 2007 में राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा दिया गया था।
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