दोस्तों फेसबुक एक बहुप्रसिद्ध व चर्चित ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट है, आज के जमाने में शायद ही कोई अनभिज्ञ हो Facebook से, जिसने अनगिनत लोगों को अपनों से मिलवाया है, फिर वह चाहे पुराने दोस्त हो, दूरदराज रहने वाले परिवार के सदस्य हो, या फिर अन्य कोई करीबी जो दुनिया के किसी भी कोने मे हो, उसे भी Facebook के माध्यम से खोज सकते है, बशर्तें की वो भी फेसबुक को यूज़ करता हो। हो सकता है की आपने भी बहुत से ऐसे दोस्तों को फेसबुक के माध्यम से ढूंढा हो जो आपके स्कूल या कॉलेज के बाद आपसे मिले ही न हो। Facebook एक ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट है जिसके, माध्यम से हर पल की खबर अच्छी हो या बुरी, मेसेज या पिक्चर के माध्यम से एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते है।
जमाने में बदलाव के साथ Facebook ने खुद को बहुत Updated कर लिया है. जिस पर व्यक्ति को हर बात, न्यूज़ रिपोर्ट, शॉपिंग आईडिया, क्राफ्ट, कुकिंग, विडियो और भी छोटी से छोटी बात का पता Facebook से लगाया जा सकता है। और आजकल तो फेसबुक ने अपना बिज़नेस पोर्टल भी शुरू है, आप फेसबुक अपना बिज़नेस भी बढ़ा सकते हैं।
फेसबुक के संस्थापक (Facebook Founder), मार्क इलियट जुकेरबर्ग है। इनका जन्म 14 मई 1984 को न्यूयार्क, अमेरिका मे हुआ था। जब वो हावर्ड विश्वविद्यालय मे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तब उन्होंने Facebook नामक एक साइट बनाई। जुकेरबर्ग Facebook के प्रमुख संस्थापक होने के साथ विश्व के सबसे कम उम्र के अरबपतियों मे से एक है।
प्राथमिक स्कूल में ही Mark Zuckerberg की programming में बहुत रूचि रही है। जब Mark लगभग 12 वर्ष एक थे तब उन्होंने Atari BASIC का उपयोग करके messaging program बनाया था, जिसका Mark ने “Zucknet” नाम दिया था। Mark के पिता इस program को अपने दाँतो के कार्यालय में उपयोग करते थे। Mark ने जो Zucknet program बनाया था उसे Mark का पूरा परिवार भी घर के भीतर बातचीत(Messaging ) करने के लिए इसे इस्तेमाल किया करता था।
मार्क के कुछ और प्रोग्राम जो उन्होंने बनाये थे शायद कम ही लोग जानते हैं :
- Mark ने उनके दोस्त के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए कंप्यूटर गेम भी बनाया था।
- Mark ने अपने उच्च माध्यमिक स्कूल में एक बुद्धिमान मीडिया MP3 प्लेयर भी बनाया जिससे एक MP3 प्लेयर की लिस्ट बन जाती थी, इस लिस्ट में यूजर MP3 लिस्ट बना सकते थे।
- Mark की कंप्यूटर में बढती रूचि को बनाये रखने के लिए, Mark के माता-पिता ने पर्सनल कंप्यूटर के शिक्षक “David Newma को हर सप्ताह एक बार घर आकर Mark के साथ देने के लिए काम पर रखा।
साल 2003 में Mark zuckerberg को एक दिन FaceMash नाम की वेबसाइट बनाने का विचार आया। Mark ने हार्वर्ड के डेटाबेस को हैक करने का निर्णय लिया जहां कॉलेज स्टूडेंट अपनी प्रोफाइल फोटो अपलोड भी करते थे। Mark ने जल्द ही एक ऐसा प्रोग्राम डिवेलप किया, जो ऑटोमेटिक 2 महिलाओं की इमेज show करता था, और उन पर वोटिंग चलाता था, कि कौन इन दोनों में से ज्यादा beautiful है। वोटिंग website पर आने वाले लोगो के द्वारा की जाती थी, यानी website पर आने वाले लोग वोटर्स होते थे।
इस वेबसाइट पर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा लोग/ट्रैफिक आ गया था। साईट पर ज्यादातर ट्रैफिक हार्वर्ड कॉलेज के छात्र लाते थे। अत्यधिक ट्रैफिक के कारण इनका सर्वर भी क्रेश हो गया था।
इस हादसे के बाद Mark पर हैकिंग करने का इल्जाम लगा था, क्योंकि Mark ने सभी फोटो को डेटाबेस हैक करके ही लीया था, साथ ही Mark ने जो साईट बनाई थी जहाँ लडकियों की सुंदरता के लिए वोटिंग होती थी, यह भी गलत था बिना उनकी परमिशन के। इसके लिए मार्क को दण्डित भी किया गया।
फेसबुक का इतिहास History of Facebook
फेसबुक का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना तो नहीं है, परन्तु बहुत ही रोचक है। क्योंकि, फेसबुक ने बहुत कम समय मे बहुत जल्दी तरक्की हासिल की है। Facebook का निर्माण, मार्क इलियट जुकरबर्ग ने अपने साथियों एडुआर्ड़ो सवेरिन के साथ मिलकर किया जिसमे इनके और भी प्रोग्रामिंग सहायक थे जैसे डीउस्टिन मोस्कोवीटज ने प्रोग्रामिग़, एंड्रयू मककोल्लुम ने ग्राफिक्स आर्टिस्ट तथा च्रिस ह्यूज ने जुकरबर्ग की वेबसाइट के प्रमोशन मे साहयता की। इन सबके साथ मिल कर 4 फरवरी 2004 फेसबुक को आधिकारिक रूप से पुर विश्व में संचारित किया। शुरू में हावर्ड विश्वविद्यालय में ही इसकी समिति बनाई गई थी, धीरे-धीरे बोस्टन, आइवी लीग, स्टेनफोर्ड जैसे कई विश्वविद्यालयों मे इसका विस्तार किया गया। 2004 में कैलीफोर्निया स्थित मुख्यालय में मार्क जुकरबर्ग को अध्यक्ष के रूप मे चुना गया। इसके बाद से ही फेसबुक विश्वव्यापी बनाया गया।
चलिए जान लेते है फेसबुक के इतिहास को :
- अब आता है Mark का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, फेसबुक। जिसको पूरी दुनिया उपयोग करती है। Mark ने अपने बाकि प्रोग्राम की तरह फेसबुक को भी बहुत कम समय में बना लिया था।
- सबसे पहले Mark के पास सोशल नेटवर्क साईट बनाने का आईडिया लेकर दिव्य नरेन्द्र आया था। दिव्य नरेन्द्र ट्विन्स टाइलर और कैमरों विन्क्लेवोस का पार्टर था।
- दिव्य नरेन्द्र ने Mark को सोशल साईट बनाने का कहा था जिसका नाम “Harvard Connection” होगा।
- नरेंद्र और जुड़वाँ विंकलेवोस के साथ एक प्राइवेट मीटिंग के बाद Mark ने इस काम को करने के लिए स्वीकार कर दिया था।
- फिर उसी हार्वर्ड कनेक्शन पर काम करने के दौरान ही Mark को खुद की सोशल साईट बनाने का एक बेहतरीन विचार आया।
- अपने इसी बेहतरीन आईडिया को आगे बढाने को लेकर ही फ़रवरी 2004 में Mark ने thefacebook.com वेबसाइट का डोमेन नाम रजिस्टर कर लिया था, जिसको आज facebook.com के नाम से जाना जाता है।
- Mark ने यह काम अपने मित्र Eduardo Saverin के साथ किया था। सुरु में फेसबुक के प्रोजेक्ट पर Eduardo ने ही इन्वेस्ट किया था।
- जब फेसबुक पर 4000 ट्रैफिक हो गए तब Mark और उसके पार्टनर eduardo ने कुछ और नए programmers को काम पर लगाया जो website पर अच्छे तरीके से काम करे।
- अब तक mark के 503.6 million shares थे। और अब Zuckerberg कंपनी के वोट का लगभग 60% नियंत्रित करता है, 35% – eduardo Saverin, और 5% बाकि के नए पार्टनर।
- 2005 से Facebook को पुरे USA के सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयो में उपयोग करने योग्य बना दिया गया। Mark एक ही बात को मानते थे वो बस उनकी वेबसाइट Students के लिए है।
- अगस्त, 2005 मे इसे खरीद कर Facebook.com के नाम से रजिस्टर्ड किया गया।सितम्बर, 2005 मे इस पर हस्ताक्षर हुए। उसके बाद से अमेरिका व ब्रिटेन के सभी विश्वविद्यालय मे इसका प्रसार शुरू हुआ। उसके बाद धीरे-धीरे कर सम्पूर्ण विश्व मे इसका प्रसार शुरू हुआ।
- सितम्बर,2006 मे यह विस्तृत रूप मे, पूरे देश के सामने आया। तथा पंजीकृत बहुत पुराने ईमेल के पते के साथ, इस पर अपनी ईमेल आइडी बना कर इसे उपयोग किया जाने लगा। इसके साथ ही फेसबुक बड़ी-बड़ी वेबसाइट से जुड़ने लगी।
- Facebook पर बहुत तेज़ी से ट्रैफिक बढ़ने लगा और जैसे ही 50 मिलियंस ट्रैफिक हुआ, फिर एक बड़ी कंपनी Yahoo! ने Mark से Facebook को खरीदने का ऑफर किया। सबसे पहला ऑफर Yahoo! ने 900 मिलियंस डॉलर फेसबुक के लिए ऑफर किया था। हालाँकि यह बहुत बड़ी रकम है लेकिन Mark ने इस ऑफर को पूरा नहीं किया।
- 2007 मे, Facebook की प्रसिद्धि को देखते हुये कई बड़ी व्यापारिक कंपनिया व्यापार को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक से जुड़ गई। जिससे फेसबुक को अरबोँ रुपयों का फायदा होने लगा। साल 2007 मे ही माइक्रोसॉफ्ट ने Facebook क साथ समझौता कर इसके अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापन के अधिकार प्राप्त कर इसमें शामिल किया।
- 2008 मे, आयरलैण्ड के डबलिन मे Facebook का अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय खोलना तय हुआ, इसके साथ ही इसका उन्नति का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा।
- बढ़ती उन्नति के 2009 मे Facebook ने सारे रिकॉर्ड तोड़े और इस साइट पर यूजर्स की संख्या लाखों-करोड़ों मे पहुच गई।
- 2010 मे Facebook को लोगों की पसंद देखते हुए कई बड़ी मोबाईल कम्पनीयो, ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनीयो को साँझा कर बहुत बड़ी डील की।
- 2011 मे, फेसबुक के बढ़ते उपयोग को देखते हुये, यूजर पर्सनल डाटा की सुरक्षा के लिए कुछ बदलाव किये, जिसके अंतर्गत यूजर अपने हिसाब से अपने अकाउंट की सेटिंग कर सकता है। जिससे साइबर क्राइम न होने पाये।
- 2012 में Facebook ने अपना खुद का ही रिकॉर्ड तोडा, तथा अमेरिका में इसके शेयर की कीमत बढ़ कर आसमान छुने लगी।
- 2013 से आज की तारीख तक Facebook की एक आम रिपोर्ट भी निकालें, तो इसकी ख्याति इतनी बढ़ गई है, जिसे हर दूसरा व्यक्ति फेसबुक से परिचित है, और इसे उपयोग भी करता है। हर तरीके से एक सामान्य मेसेज से ले कर, फोटो, विडियो, आवश्यक जानकारी, जोक्स, कविताएँ, कहानी-किस्से, कुकिंग की रेसिपी देखने से बनाने तक की विडियो, पूरे विश्व की तस्वीरों वाले विडियो तक, यहाँ तक की परीक्षा की तैयारी, शॉपिंग व अन्य अनगिनत चीज़े जो की हम Facebook के माध्यम से देख ढूढ़ और पूछ सकते है, उनको जान सकते हैं।
इसके साथ ही Facebook बहुत ही आगे बढ़ने लगी और धीरे-धीरे यह पुरे दुनिया के कोने-कोने में उपयोग होने लगी। और आज फेसबुक पूरी दुनिया की सबसे बड़ी सोशल साईट है, जिस पर लगभग हर इन्टरनेट यूजर अकाउंट बनाता ही है।
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