क्या है प्रादेशिक सेना/टेरिटोरियल आर्मी/Territorial Army/TA?
टेरिटोरियल आर्मी/Territorial Army/TA या प्रादेशिक सेना भारतीय सेना की ही एक ईकाई है, लेकिन इससे प्रशिक्षित व्यक्ति नियमित सेवा देने की बजाय एक स्वयं-सेवक की तरह देश में पैदा किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार रहता है। वो भी बिना किसी मानदेय या वेतनमान के। टेरिटोरियल आर्मी/Territorial Army/TA के स्वयं-सेवकों को प्रतिवर्ष लगभग एक महीने का व्यवस्थित सैनिक-प्रशिक्षण जरूर दिया जाता है, ताकि जरुरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिये उनकी मदद ली जा सकें।
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टेरिटोरियल आर्मी अर्थात प्रादेशिक सेना देश के योग्य युवकों को राष्ट्र सेवा का पूरा अवसर प्रदान करती है। ये लोग देश के आम नागरिक रह कर भी एक सैनिक की भूमिका निभा सकते हैं। योग्य युवक प्रादेशिक सेना में शामिल होकर सैन्य माहौल का अनुभव पा सकते हैं। अगर आपमें भी देश सेवा का जज्बा है और चुनौती पसंद हैं तो टेरिटोरियल आर्मी आपको एक सैन्य अफसर बनने का अवसर प्रदान करती है। यहाँ आपको एक बात याद दिलादें की ये मौका केवल भारतीय पुरुषों और पूर्व सर्विस अफसरों तक सीमित है। जो लोग/युवक इसमें शामिल होना चाहते हैं उनको पूरी तरह मेडिकल फिट होने चाहिए।
टेरिटोरियल आर्मी/Territorial Army/TA गठन सम्बन्धी जानकारी।
भारतीय संविधान सभा द्वारा सितंबर 1948 में पारित "प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948" के अनुसार भारत में अक्टूबर 1949 में प्रादेशिक सेना की स्थापना हुई। इसका मुख्य उद्देश्य देश में किसी बह प्रकार के संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा क दायित्व लेना, और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को यूनिट (दल) प्रदान करना है। इस एक उद्देश्य नवयुवकों को देश-सेवा का अवसर प्रदान करना भी है। सामान्य श्रमिक/कामगार से लेकर योग्य प्राविधिज्ञ तक भारत के सभी नागरिक, जो शारीरिक रूप से समर्थ हों इसमें भर्ती हो सकते हैं। इसके लिए तय आयु सीमा 28 वर्ष और 35 वर्ष निर्धारित की गई हैं। ये आयु सिमा सेवानिवृत्त सेनिकों और प्राविधिज्ञ आम नागरिकों के लिए शिथिल भी की जा सकती हैं।
प्रादेशिक सेना/Territorial Army/TA यानी टेरिटोरियल आर्मी एक स्वैच्छिक अंशकालिक नागरिक सेवा है। नियमित या स्थाई भारतीय सेना/Indian Army के बाद यह हमारी रक्षापंक्ति की दूसरी सेना है। यह भारत के आम नागरिकों के लिए सेना को शौकिया अपनाने का जरिया भी है। इसे हम प्रोफेशन, करियर या स्थायी नौकरी का स्नोत नहीं कह सकते। प्रादेशिक सेना के लिए यह अवधारणा काम करती है कि युद्ध के समय तैनाती के लिए इसका उपयोग हो सकेगा यानि आप स्पेयर सेना के रूप में काम कर सकेंगे। भारतीय नियमित सेना के संसाधनों के पूरक रूप में समाज के हर क्षेत्र हर वर्ग से इच्छुक, अनुशासित और समर्पित नागरिकों को लेकर, कम लागत में तैयार होने वाली इस सेना का गठन किया जाता है। प्रादेशिक सेना में शामिल होने वाले नागरिकों को एक साल में थोड़े समय यानि एक महीने के लिए कड़ा प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि वो लोग भी सक्षम सैनिक बन सकें।
Download Flipkart app here http://affiliate.flipkart.com/install-app?affid=leesharma भारतीय सेना/Indian Army के हिस्से के रूप में प्रादेशिक सेना का उपयोग नियमित सेना को आराम देने, नागरिक-प्रशासन/जन-प्रशासन को सहयोग देने में होता है। हमारे देश में हुए 1962, 1965 व 1971 के युद्धों में प्रादेशिक सेना की सक्रिय भूमिका रही है। कुदरती आपातकाल जैसे भूकंपों/साइक्लोन व विभिन्न ऑप्रेशन में भी इसका उपयोग हुआ है। हमारे देश के कुछ जाने-माने लोग इस देश की प्रादेशिक सेना/Territorial Army/TA में सक्रीय योगदान दे चुके हैं। जिनमे से कुछ नाम मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, जैसे- ब्रिगेडियर केपी सिंह देव (पूर्व कैबिनेट मंत्री), कैप्टन राव वीरेन्द्र सिंह (हरियाणा के पूर्व मंत्री) इनके अलावा प्रसिद्ध ऑलराउंडर क्रिकेटर कपिल देव एवं दक्षिण भारत के लोकप्रिय कलाकार मोहनलाल, सचिन पायलट, महेंद्र सिंह धोनी ये सभी प्रादेशिक सेना के सक्रीय सैनिक रहे हैं।
आइये जाने प्रादेशिक सेना के मुख्य कार्य क्या हैं ?
इनका मुख्य कार्य नियमित सेना को स्थैतिक कर्तव्यों से मुक्त करना और जरुरत पड़ने पर सिविल-प्रशासन की सहायता करना। देश में किसी भी प्रकार के आपातकाल में भी इनका सहयोग लिया जाता है। आवश्यकता होने पर नियमित सेना के लिए यूनिटों की व्यवस्था करना। समुद्रतट की रक्षा और हवामार यूनिटों की व्यवस्था करना। प्राकर्तिक आपदाओं के समय भी प्रादेशिक सेना/Territorial Army/TA का सहयोग लिया जाता है।
प्रादेशिक सेना के कार्मिकों को प्रशिक्षण की अवधि में और आह्वान करने पर, नियमित सेना के तदनुरूपी पद का वेतन और भत्ता दिया जाता है। असैनिक नियोक्ता को अनिवार्य रूप से प्रादेशिक सेना से, या उसके प्रशिक्षण से, निवृत्त सदस्य को सिविलियन पद पर पुन: नियुक्त करना आवश्यक होता है। प्रादेशिक सेना के कार्मिकों को कठिन परिश्रम और सराहनीय कार्यों में प्रोत्साहित करने के लिए भविष्य में राष्ट्रीय रक्षा सेना के सैनिक विभाग की यथार्थ रिक्तियों के प्रतिशत पद उनके लिए आरक्षित किए जाएँगे। राष्ट्रीय रक्षा सेना में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण क्रम पूरा करने के बाद उन्हें सेना में नियमित कार्यभार भी दिया जा सकता है।
योग्यताएं एवं सेवा नियम
टेरिटोरियल आर्मी में अफसर पद के लिए भारतीय नागरिक पुरुष तथा पूर्व सैन्य अफसर (आर्मी, एयर फोर्स व नेवी) होना जरूरी है। उनकी चयन के दिन आयु 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उन्हें मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ग्रेजुएट/स्नातक होना चाहिए। अफसर के रूप में चुने जाने पर "लेफ्टिनेंट" का दर्जा मिलता है। प्रशिक्षण एवं सैन्य सेवा के दौरान उन्हें पद के अनुसार, नियमित सैन्य अफसर के समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं। योग्यता के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल तक की पदोन्नति समय/अवधि के अनुसार मिलती है। इसमें आपको कर्नल एवं ब्रिगेडियर के लिए चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसमें ध्यान देने योग्य बात ये है की प्रादेशिक सेना आपको स्थायी रोजगार प्रदान नहीं करती। इसमें केवल पार्ट-टाइम/अंशकालिक नौकरी मिलती है। इसमें "इंफेंटरी" के लिए चुने गए अफसरों को लंबी अवधि के अवसर मिलते हैं।
प्रशिक्षण प्रविधि
बटालियन मिलने के बाद तुरंत एक महीने की "रिक्रूट ट्रेनिंग/Recruit Training" दी जाती है।
कमीशन प्राप्त होने के बाद "पोस्ट कमीशन ट्रेनिंग" से पहले तीन माह की "बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग" मिलती है। यह प्रशिक्षण "TA ट्रेनिंग स्कूल" में दिया जाता है।
बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग के बाद तीन माह की "पोस्ट कमीशन ट्रेनिंग" दी जाती है। बाद के वर्षो में दो महीने का वार्षिक "ट्रेनिंग कैंप" लगता है।
आवेदन पत्र कैसे व कहां भेजें ?
इच्छुक नागरिक/उम्मीदवार इसके लिए आवेदन पत्र/form "रोजगार समाचार" से नोट कर सकते हैं, या फिर इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://www.indianarmy.nic.in से भी इसे डाउनलोड किया जा सकता है। आपको आवेदन पत्र के साथ 28x12 सेंटीमीटर आकार का लिफाफा भी साथ भेजना होता है, जिस पर 12 रुपए की डाक-टिकट लगी होनी चाहिए। आवेदन पत्र पर साफ-साफ अक्षरों में अपना पता/Self Address लिखें। उसके बाद लिफाफे को अपने क्षेत्र के प्रादेशिक सेना ग्रुप हैड-क्वार्टर भेज दें।
यहाँ हम क्षेत्र के हिसाब से आपको कुछ पते बता रह हैं जहाँ आप आवेदन कर सके हैं।
राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गोवा, पंडिचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान निकोबार द्वीप, दमन-दीव, दादरा व नगर हवेली के लिए इसका पता - Commander TA Group Headquarters, Southern Command, Pune-1 Maharastra.
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व चंडीगढ़ के प्रार्थियों के लिए पता है- Commander TA Group Headquarters, Western Command, Building No.-750, Sector-8-B, Chandigarh-160018
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के लिए इसका पता है- Commander TA Group Headquarters, Central Command, Lucknow-2, Utter Pardesh.
मणिपुर, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, नगालैंड, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल के लिए इसका पता है- Commander TA Group Headquarters, Eastern Command, Fort Willium, Kolkatta-21, West Bangal.
तीनों सेनाओं के पूर्व अफसरों को आवेदन-पत्र एडिशनल डीटीई जनरल, टेरिटोरियल आर्मी स्टाफ ब्रांच, आईएचक्यू ऑफ मॉड (आर्मी), ‘एल’ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001 है।
चयन प्रक्रिया कैसी होती है?
नागरिक पुरुष प्रार्थियों की स्क्रीनिंग PIB/ Preliminary Interview Board/प्रीलिमिनरी इंटरव्यू बोर्ड (पीआईबी) विभिन्न टीए ग्रुप हैडक्वार्टर्स करते हैं। पीआई के सफल कैंडीडेट को अपना संक्षिप्त ब्यौरा देना होता है। इसमें केंन्द्र सरकार/अर्ध सरकारी/ प्राइवेट फर्म/अपने व्यवसाय की सूचना देनी होती है। साथ में सभी स्नोतों से प्राप्त मासिक आय भी आपको इसमें लिखनी होती है। यहां के सफल उम्मीदवार को सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) व मेडिकल की स्क्रीनिंग पार करनी होती है। पूर्व सैन्य अफसरों की स्क्रीनिंग आर्मी हैडक्वार्टर सलेक्शन बोर्ड द्वारा होती है। सफल अभ्यर्थियों को केवल मेडिकल बोर्ड की प्रक्रिया से ही गुजरना होता है। उपरोक्त सभी चरणों से गुजरकर आप भी प्रादेशिक सेना/Territorial Army/TA के जवान बन सकते हैं।
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