जैसे-जैसे आधुनिक तकनीक में तरक्की होती जा रही है, वैसे-वैसे हमारी सुख-सुविधा भी ज्यादा बढ़ती जा रही है। आपको पता ही है कि Mobile Phone अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं, आजकल ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा जो मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ना करता हो, अब आप सोच रहे होंगे की हमारे फोन और SAR/ वैल्यू का आपस में भला क्या सम्बन्ध!, तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं, आपके मोबाइल और SAR वैल्यू का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है। इसीलिए मैंने आज सोचा की क्यों न आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाये। जब हमारे पास मोबाइल फ़ोन है तो हमें निश्चित रूप से इसके बारे में पता होना ही चाहिए। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके बारे में मोबाइल कंपनी ना तो हमें बताती है और ना ही हम कभी जानने की कोशिश करते हैं, क्यूंकि हम इन चीजों से ज्यादा मतलब ही नहीं रखते, कि मोबाइल हमारे लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। आपने जरूर सुना होगा की हर मोबाइल या मोबाइल नेटवर्क टावर से जो सिग्नल निकलते हैं, उनमे बहुत Radiation होता है, जो आवश्यकता से अधिक हो जाने पर किसी भी जीवित चीज के लिए खतरनाक होता है।
SAR वैल्यू मोबाइल नेटवर्क द्वारा उत्पन इसी Radiation को मापने का एक मानक/Standard होता है। Mobile Communication के लिए विभिन्न Electromagnetic Waves या Bandwidth की जरुरत पड़ती है। इस तरह के किसी भी Signal को Send और Receive करने के लिए Transmission टावर की जरुरत होती है। जब इन टावर से किसी भी प्रकार के Signal Transmit होते है तब इनमे से 10 से 20 प्रतिशत सिग्नल वातावरण में मिश्रित हो जाते हैं, या Radiate हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है की इन सिग्नल में कुछ Power होती है, जो की ट्रांसमिशन के वक़्त रस्ते में नष्ट/Dissipate हो जाती है, और इन्ही नष्ट हुए Power सिग्नल को Radiation कहा जाता है। रेडिएशन का लेवल मोबाइल के प्रयोग पर निर्भर करता है। मोबाइल सिग्नल Transmission के इस Radiation Level को कण्ट्रोल करने के लिए SAR का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि रेडिएशन का लेवल कण्ट्रोल में एक तय सीमा के अंदर ही रह सके।
SAR वैल्यू क्या होती है?SAR Value Kya Hoti Hai?
SAR Value सरकार द्वारा निर्धारित एक मापदंड प्रणाली होती है, जो किसी भी प्रकार के नेटवर्क या Electronic डिवाइस से निकलने वाली Radiation की मात्रा को मापति है। SAR की फुल फॉर्म Specific Absorption Rate होती है। इसकी मदद से हम ये माप सकते हैं, कि किसी भी Electronic Device को इस्तमाल करते वक़्त उसमे से कितनी मात्रा में Electromagnetic Waves Radiate हो रही होती हैं, जो की हमारे शरीर के द्वारा सोख/Absorb की जा रही होती है। SAR वैल्यू के Standard Measurement को Watts per kilogram (W/kg) इकाई में मापा जाता है, जिसमें ये देखा जाता है, कि कितनी Power हमारे कितने वजन के Tissue में Absorb हो रही है। इस प्रकार की Radiation मुख्यत हमारे शरीर के दो हिस्सों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, जिनमें हमारा दिमाग और दिल शामिल होता है। ये हिस्से सबसे ज्यादा प्रभावित इसलिए होते हैं, क्यूंकि हम फ़ोन को इस्तेमाल करते वक्त या तो सर के पास कान के साथ रखते हैं, या फिर कुछ देखते हुए इसे छाती और दिल के करीब रखते हैं। ये बात तो तय है की रेडिएशन से हमारे दिल और दिमाग को कुछ तो असर पड़ता है, लेकिन हम मोबाइल के इतने आदि हो गए हैं इसे छोड़ भी नहीं सकते।
हमारे देश में SAR वैल्यू का मापदंड अधिकतम 1.6 Watt per Kilogram (W/kg) है, जिसे की 1 Gram of Tissue को लेकर बनाया गया है, वहीँ European Standard के हिसाब से 2 Watt per Kilogram (W/kg) जिसे की 10 gram of Tissue को लेकर बनाया गया है। इन्ही Radiation को Standardized करने के लिए Government ने कुछ तय मानक बना दिए हैं, जिससे ये पता चलता है कि इस Standard के ऊपर कोई भी Mobile Manufactures अपने मोबाइल बनाकर नहीं बेच सकता। India और US की Standard लगभग एक ही सामान है। यहाँ मैं आपको बतादूँ की किसी भी मोबाइल की SAR वैल्यू चाहे कितनी भी हो, लेकिन ये होती खतरनाक ही है, बेशक वो तय मापदंड से कम ही क्यों न हो। इसमें सही है कि जिस मोबाइल की SAR वैल्यू काम होती है वो निश्चित रूप से आपके लिए कम खतरनाक होता है। इंसान को इस प्रकार के Radiation से खतरा मोबाइल के आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले समय के अनुसार होता है।
SAR Value को अपने मोबाइल में कैसे चेक करें? How to check SAR Value in your mobile?
अपने मोबाइल में SAR वैल्यू को चेक करने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं होती, बस एक छोटा सा कोड होता है जिसे आपको मोबाइल पर Dial करना होता है, और फिर आपकी स्क्रीन पर आपके मोबाइल का SAR वैल्यू डाटा आ जायेगा। इसके लिए आपको *#07# डॉयल करना होगा।
SAR वैल्यू कैसे तय की जाती है? How is the SAR value determined?
आपमें से बहुत से लोग जानना चाहते होंगे की आखिर SAR वैल्यू तय कैसे की जाती है? इसके लिए किसी मानक संस्था द्वारा हमारे शरीर जैसी कोई डमी तैयार की जाती है जिसमें मानव Tissue की तरह कुछ ऑर्गन बनाये जाते हैं, उसके बाद इन Tissue पर Radio Frequency को छोड़कर Absorption rate check करने के लिए Radiation का असर आँका जाता है। डमी के सर के विभिन्न दूरियों से Radiation के असर को मापा जाता है। इस प्रकार के Test करने के बाद उनकी एक Detailed रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट में सारे Highest SAR value के साथ सभी Frequency Band को उल्लेखित किया जाता है। ये सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे Government Authorization के लिये भेजा जाता है।
Radiation हमारे लिए कितना खतरनाक है? How dangerous is Radiation for us?
- जैस कि हम पहले भी बात कर चुके हैं कि मोबाइल रेडिएशन चाहे काम हो या ज्यादा, हमारे लिए खतरनाक तो होता ही है। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के शरीर पर होता है, क्यूंकि इसका शरीर सबसे ज्यादा रेडिएशन को Absorb करता है, इसलिए ऐसी अवस्थाओं में मोबाइल को शरीर के पास नहीं रखना चाहिए। आइये मोबाइल रेडिएशन से शरीर पर होने वाले असर के बारे में और जान लेते हैं।
- अगर ज्यादा देर तक Radiation को हमारा शरीर ग्रहण कर ले तो हमारे Tissue ब्रेक डाउन हो सकते हैं, जिससे हमारी DNA को बहुत नुकसान हो सकता है।
- रेडिएशन की अधिकता होने पर इससे Brain Tumors और Cancer होने का खतरा बना रहता है।
- Radiation के Indirect प्रभावों के असर से ही सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी,
- याददाश्त में कमी, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि बीमारी होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- अगर रेडिएशन लगातार कई वर्षों तक हमारे शरीर में आता रहा तो इससे Multiple Sclerosis, Depression, Autism जैसे खतरनाक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है, और इससे प्रजनन क्षमता पर भी असर पद सकता है।
Radiation से कैसे बचें। How to avoid Radiation
- Radio Frequency वाले सभी उपकरणों से आप जितनी दूर रहेंगे आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- Mobile Phone को जितना हो सके उतना Speaker Mode में रखकर बात ही करना चाहिए। इससे रेडिएशन की Intensity आपके शरीर पर बहुत कम असर डालती है।
- अगर आपका Mobile लम्बे समय तक इस्तेमाल नहीं होना है, तो उसे OFF कर दें।
- Mobile Phone को कम Signal strength में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्यूंकि, इस समय सबसे ज्यादा Radiation होता है।
- अगर हो सके तो Call करने की जगह Text मेसेज ज्यादा करें।
- Mobile Phone का इस्तेमाल Lift, Cars, Train और Planes में बिलकुल कम करें क्यूंकि यहाँ सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है।
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