वास्तु अनुसार बाथरूम की आंतरिक व्यवस्था।
घर में टायलेट/बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए ये जानने के बाद वास्तु के हिसाब से बाथरूम और टायलेट के अन्दर की प्लानिंग किस प्रकार की होनी चाहिए ये जानना भी बहुत ज़रूरी है।
उत्तर, पुर्व या ईशान दिशा में लगायें वाशबेसिन:- वास्तु के हिसाब से मिरर हमेशा उत्तर या पुर्व दिशा की दीवार पर लगना चाहिए और बाथरूम में वाशबेसिन पर मिरर लगाना ज़रूरी होता है इस द्रष्टि से बाथरूम के उत्तर, पुर्व या ईशान कोण में वाशबेसिन लगाने की सलाह दी जाती है अगर बिना मिरर के काम चल सकता हो तो वाशबेसिन को किसी भी दिशा में लगाया जा सकता है ..कोई प्रोब्लम नही है। बाथरूम में WC इस प्रकार लगायें की उसे यूज करने वाले व्यक्ति का मुँह उत्तर या दक्षिण दिशा में रहे। Bathroom/Toilet According to Vaastu
Toilet Sheet अगर Indian Style की लगवानी हो तो सबसे उपयुक्त है, इसे बाथरूम की वायव्य दिशा में ..फर्श का Level थोड़ा ऊँचा करके लगवाना चाहिए अगर Toilet Sheet वेस्टर्न स्टाइल की लगवानी हो तो इसे उत्तर पुर्व व ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी लगा सकते हैं। नहाते समय व्यक्ति का मुँह उत्तर, पुर्व या ईशान दिशा में होना चाहिए और चुंकि पुरे बाथरूम के फर्श का ढलान भी इन्हीं दिशाओं में शुभ माना गया है। इस दृष्टि से नहाने के नल और शावर एरिया बाथरूम के उत्तर, पुर्व या ईशान दिशा में ही होने चाहिए।
अगर ग्लास का पार्टिशियन लगाकर शावर एरिया अलग से बनाना हो तो, इसे पश्चिम दिशा में भी बना सकते हैं, पर ऐसी स्थिति में भी शावर एरिया की उत्तर या पुर्व दिशा में ही नहाने के नल लगवाने चाहिए।
गीज़र :- गीज़र लगाने के लिए बाथरूम में सबसे उपयुक्त दिशा अग्निकोण है, वायव्य कोण में भी गीज़र लगा सकते हैं पर ध्यान रखें WC यूज करते समय एक दम सिर के ऊपर नही आना चाहिए। वाशिंग मशीन रखनी हो तो बाथरूम की दक्षिण पश्चिम आग्नेय या वायव्य दिशा उपयुक्त रहेगी।
धोने के लिए कपड़े बाथरूम के वायव्य कोण में ही रखने चाहिए। पर बाथरूम का फर्श एक से आधा इंच नीचा रखा जाता है जिससे बाथरूम का पानी बाहर नही आये अगर किसी कमरे की दक्षिण या पश्चिम दिशा में अटैच बाथरूम हो और उसका फर्श नीचा हो तो इस दोष से बचने के लिए बाथरूम के गेट पर दहलीज़ अवश्य लगवानी चाहिए।
किसी भी कमरे से अटैच बाथरूम बनवाना हो तो ध्यान रखें बाथरूम और कमरे के बीच ड्रेसिंगरूम हो तो ज्यादा अच्छा रहता है। इससे बाथरूम की नेगेटिव एनर्जी कमरे में नही आती।
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